नई दिल्ली/नोएडा। बुलन्दशहर सामूहिक दुष्कर्म मामले में सपा नेता आजम खान ने दोबारा माफी मांगी है. अदालत ने आजम खान की नई माफी को ठीक पाया और कहा कि अब इस मामले में सपा नेता के ईमानदारी से माफी मांगने के बाद इसे अस्वीकार करने का कोई मतलब नहीं रह गया है. बता दें कि आजम खान की पिछली माफी को अदालत ने अस्वीकार कर दिया था.
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले में इस बार बिना शर्त और ईमानदारी से माफ़ी मांगी गयी है, इसलिए इसको स्वीकार कर लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अब इस पर शक करने का कोई मतलब नहीं है. हालांकि इस मामले से जुड़े अन्य बिंदुओं पर सुनवाई जारी रहेगी. इसके पूर्व की माफ़ी में दूसरे पक्ष की कड़ी आपत्ति को संज्ञान में लेते हुए अदालत ने आज़म खान की माफ़ी अस्वीकार कर दी थी. अदालत ने कहा था कि सपा नेता द्वारा मांगी गयी माफ़ी बिना शर्त प्रकृति की नहीं लगती, इसलिए इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. अदालत ने कहा कि यह समझने की जरूरत है कि उच्च पदों पर बैठे लोगों की किसी भी टिप्पणी से ऐसे किसी मामले में क्या फर्क पड़ता है इस बात पर विचार किया जाना चाहिए.
इस कारण फंसे थे आलम खान
गत जुलाई माह के अंत में नोएडा का एक परिवार अपने एक रिश्तेदार के यहां एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहा था. राष्ट्रीय राजमार्ग के पास बदमाशों ने इस परिवार को रोक लिया और उनसे लूटपाट की. बदमाशों ने उक्त परिवार की एक महिला और उसकी बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया.
मामले के बाद बदनाम होती सपा सरकार का बचाव करते हुए सपा नेता आज़म खान ने कहा था कि यह अखिलेश सरकार को बदनाम करने के लिए राजनीतिक कारणों से किया गया अपराध भी हो सकता है. अदालत ने सपा नेता के इस बयान को आपत्तिजनक मानते हुए उन्हें नोटिस जारी किया था. अदालत के अनुसार ऐसे बेहद संगीन मामलों में किसी जनप्रतिनिधि से ऐसे बयान की अपेक्षा नहीं रखी जा सकती.
इस मामले की अगली सुनवाई आठ फरवरी को होगी.