scriptलॉकडाडन के बीच भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने किया सरकार के खिलाफ 12 मई को सांकेतिक विरोध प्रदर्शन का ऐलान | Bhim Army chief Chandrashekhar announced protest against government | Patrika News

लॉकडाडन के बीच भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने किया सरकार के खिलाफ 12 मई को सांकेतिक विरोध प्रदर्शन का ऐलान

locationनोएडाPublished: May 10, 2020 03:56:23 pm

Submitted by:

lokesh verma

Highlights
– ट्वीट के जरिये लोगों से प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान
– बोले- लॉकडाउन की आड़ में हो रहा सरकारी जुल्म
– नये श्रम कानून पर भी उठाए सवाल

नोएडा. भीम आर्मी चीफ और आजाद समाज पार्टी (ASP) के मुखिया चंद्रशेखर ने सरकार पर लॉकडाउन की आड़ में उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए 12 मई को विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। पार्टी प्रमुख चंद्रशेखर ने ट्वीट के जरिये कहा है कि लॉकडाउन की आड़ में हो रहे सरकारी जुल्म के खिलाफ आजाद समाज पार्टी ने 12 मई को सांकेतिक विरोध प्रदर्शन का फैसला लिया है। उन्होंने समस्त समतापसंद साथियों से विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने की अपील की है।
यह भी पढ़ें- Lockdown Side Effects: सैकड़ों अस्थाई कर्मचारियों को अप्रैल का वेतन देने से इनकार करते हुए काम से निकाला, हंगामा

https://twitter.com/BhimArmyChief/status/1259410733453832192?ref_src=twsrc%5Etfw
उल्लेखनीय है कि भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। उन्होंने शनिवार को ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात सरकार पर आरोप लगाते हुए नये श्रम कानून को शक्तिविहीन कानून बताते हुए कहा था कि मजदूर अब 12 घंटे काम करेगा और विवादों के निराकरण के लिए लेबर कोर्ट भी नहीं जा सकता। कर्नाटक सरकार ने बिल्डरों के कहने पर प्रवासी मजदूरों के वापसी की ट्रेन को भी कैंसिल करवा दिया। आखिर मजदूरों से इतनी नफरत क्यों?
वहीं उन्होंने अपने एक अन्य ट्वी में कहा कि नये श्रम कानून मे पूंजीपतियों को छूट देकर मजदूरों को अपंग बनाया जा रहा। किसी भी उद्योग की मानमानी पर अब लेबर डिपार्टमेंट एनफोर्समेंट नियम के तहत कार्रवाई नहीं की जा सकती है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से तत्काल इस अध्यादेश को रोकने की मांग की थी। बता दें कि चंद्रशेखर सोशल मीडिया के जरिये लगातार सरकार की मनमानी और पिछड़ों की आवाज उठा रहे हैं।
उन्होंने औरंगाबाद, महाराष्ट्र में मजूदरों की मौत पर कहा है कि मजदूर अपने घर पैदल वापस जा रहे थे। 16 प्रवासी मजदूरों की ट्रेन हादसे में मौत हो गई। अपने घर मध्यप्रदेश को जा रहे मजदूर थकान के मारे पटरी पर ही सो गए थे। यह अत्यंत ही दर्दनाक है, सरकार मृतक परिवारों हर संभव मदद के साथ मामले की जांच कराए। उन्होंने कहा कि काश मजूदरों के लिए ट्रेन चलाई गई हाेती तो मजदूरों पर ट्रेन न चली होती। इसके अलावा चंद्रशेखर ने बिहार में तीन महिलाओं को डायन बताने और बाल काटकर घुमाने के मामले में भी सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो