उन्होंने कहा कि जिन सफाईकर्मियों गिरफ्तार किया गया है उनको तुरंत रिहा किया जाए। मोरना गांव के जिस सफाई कर्मचारी की मौत हुई है, उसके परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी और मुआवजा दिया जाए। उन्हें जल्द रिहा नहीं किया गया तो हजारों की संख्या में सफाई कर्मी यहां आकर जिला बंद कर देंगे।
बता दें कि चंद्रशेखर उर्फ रावण सफाई कर्मचारियों के आंदोलन में शामिल होने और उन्हे समर्थन देने के लिए शनिवार को नोएडा आए। यहां उन्होंने हुए कहा कि नोएडा प्राधिकरण के कुछ कर्मचारी आज भी जातिवादी मानसिकता के शिकार हैं।अधिकारियों को एसी से बाहर निकलकर काम करना होगा। 2022 में सत्ता में आने पर इन सभी अधिकारियों की जांच होगी और ये जेल में होंगे। एक तरफ प्रधानमंत्री इन लोगों के पैर धोते हैं और दूसरी तरफ उन पर लाठियां बरसाई जा रही हैं। ये कैसी समानता है, अगर जल्द इन लोगों को इंसाफ नहीं मिला तो वो दोबारा आकर यहां आंदोलन करेंगे। ये आंदोलन देश स्तर का होगा।
ग़ौरतलब है कि नोएडा विकास प्राधिकरण कार्यालय के पास उद्योग मार्ग पर करीब दो सप्ताह से हड़ताल कर धरना दे रहे सफाई कर्मचारियों को पुलिस ने शुक्रवार को लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया था। उसके बाद से ही मामले तूल पकड़ रहा है। तीन दिन पहले प्राधिकरण के निर्देश पर ठेकेदारों ने 11 सफाई कर्मचारी नेताओं को नौकरी से निकाल दिया था। इस बात से नाराज होकर तीन कर्मचारी बुधवार से भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। नौकरी से निकाले जाने से आहत होकर एक सफाई कर्मचारी ने गुरुवार को आत्महत्या कर ली थी। सफाई कर्मचारी के नेता योगेन्द्र मकवाना ने कहा कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी प्रमुख मांगें नहीं मान ली जाती।