पुलिस के अनुसार गिरफ्तार तीनाें आराोपियों ने अपने नाम डॉक्टर बृजेश कुमार वर्मा, महेश पटेल और राजवीर उर्फ राजू बताए हैं। तीनाें ने बीएसए को अपने एनजीओ का पत्र भेजकर संस्था को निशुल्क प्रशिक्षण के लिए अनुमति ली थी। इसकी आड़ मे आरोपित बेरोजगार महिलाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर रकम ले रहा था। इसी प्रकार मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बुलंदशहर, गाजियाबाद सहित अन्य कई जिलों में भी कार्यालय खोल रखा है। इन्हाेंने बताया कि इस फर्जीवाड़े में शिक्षा विभाग से जुड़े दो प्रधाना अध्यापक सहित पांच अन्य लोगों के और नाम सामने आए हैं। इन सभी पर पुलिस जल्द कार्रवाई करेगी।
एडिशनल सीपी लॉ एंड ऑर्डर लव कुमार ने बताया कि ब्रजेश ने वर्ष 2007 में शिल्पी स्वयं सेवा संस्थान नाम से एनजीओ बनाया था। इसने बेरोजगार महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए चौड़ा गांव में प्रशिक्षण केंद्र इसी वर्ष खोला है। इसमे वह प्रशिक्षुओं को एक सप्ताह का सर्टिफिकेट बिना कोर्स कराए देता था व जाली नियुक्ति जिले के विभिन्न पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में काम करने के लिए देता है। प्रशिक्षण केंद्र से जुड़ी काफी महिलाओं से लाखों रुपये सिक्योरिटी मनी के रूप में ले चुका है।
वह इन लोगों को जिला समन्वयक, सलाहकार, ब्लाक समन्वयक, तहसील समन्वयक, जांच अधिकारी, रिपोर्ट अधिकारी, ब्यूटीशियन प्रशिक्षिका, सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षिका सहित अन्य पदों के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र देकर नियुक्त करता था और 10 से 50 हजार रुपये तक सिक्योरिटी मनी के रूप में लेता था।