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वेस्ट यूपी में मेरठ से कर्इ नाम हैं, जिन पर भाजपा संगठन एमएलसी के लिए विचार-विमर्श कर रहा है। इनमें पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व विधायक डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुर्इ पूर्व एमएलसी डा. सरोजनी अग्रवाल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष अश्विनी त्यागी और जितेंद्र वर्मा नामों पर एमएलसी के लिए गंभीरता से विचार चल रहा है।
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राज्य सभा में भजापा की कांता कर्दम और विजय पाल सिंह तोमर को उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने दलित, ठाकुर और किसानों का प्रतिनिधित्व तय किया था। इसमें भाजपा को सफलता भी मिली। अब जातीय समीकरण का फार्मूला विधान परिषद चुनाव में फिट करने की तैयारी है। इसमें ब्राह्मण, वैश्य आैर गुर्जर समाज के समीकरण पर भाजपा खासी तैयारी कर रही है।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव 26 अप्रैल को 13 सीटों पर होना है। इसमें नौ से 16 अप्रैल तक नामांकन होगा। कुल 100 सदस्यों वाली यूपी विधान परिषद में 38 सीटों पर विधायक वोट करते हैं। चुनाव सिर्फ 13 सीटों पर होने हैं। क्योंकि, 5 मई को यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव सहित 12 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है और एक सीट पहले से ही खाली पड़ी है। मेरठ में जिन चार नामों पर चर्चा चल रही है, उनकी अपने समाज में मजबूत पकड़ है, ऐसे में देखने वाली बात होगी कि भाजपा संगठन क्या निर्णय लेता है।