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जानिये कैसे, कुछ हजार की नौकरी छोड़ चंद वर्षों में अरबपति बन गए मायावती के भाई आनंद कुमार

locationनोएडाPublished: Jul 19, 2019 06:38:22 pm

Submitted by:

lokesh verma

खबर के मुख्य बिंदु-

1994 में नोएडा विकास प्राधिकरण में जूनियर अस्सिटेंट के पद से सरकारी नौकरी की शुरुआत की थी आनंद कुमार ने
2007 में कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर थे आनंद कुमार, कर्मचारियों को देते थे सालाना 1.2 करोड़ रुपये का वेतन
सरकारी नौकरी छोड़ने के बाद आनंद कुमार की संपत्ति में सात साल में हुई थी बेतहाशा वृद्धि

Mayawati and Anand Kumar

जानिये कैसे, कुछ हजार की नौकरी छोड़ चंद वर्षों में अरबपति बन गए मायावती के भाई आनंद कुमार

नोएडा . बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) के भाई आनंद कुमार (Anand Kumar) पर आयकर विभाग (IT Department) की टीम ने शिकंजा कस दिया है। बसपा में मायावती के बाद नंबर दो की हैसियत रखने वाले आनंद कुमार के खिलाफ आयकर विभाग ने कार्रवाई करते हुए नोएडा के सेक्टर-94 स्थित 28328 वर्ग मीटर के प्लॉट को जब्त कर लिया है। बताया जा रहा है कि यह संपत्ति आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्रलता के नाम है। बता दें कि 1994 में नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) में जूनियर अस्सिटेंट के पद पर रहते हुए कुछ हजार का वेतन पाने वाले आनंद कुमार 2007 तक 1.2 करोड़ सालाना की सैलरी देते थे। आइये जानते हैं कि कैसे छोटी सी सरकारी नौकरी छोड़कर कैसे आनंद कुमार की संपत्ति साल-दर-साल बढ़ती गई और कैसे वह अरबपतियों की सूची में शुमार हो गए।
बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार ने वर्ष 1994 में नोएडा विकास प्राधिकरण में जूनियर अस्सिटेंट के पद से सरकारी नौकरी की शुरुआत की थी। उस दौरान उनका वेतन कुछ हजार रुपये ही था। उन्होंने नोएडा अथॉरिटी में करीब छह वर्ष यानी सन् 2000 तक नौकरी की। अथॉरिटी की नौकरी छोड़ने के बाद आनंद कुमार रियल स्टेट और होटल के कारोबार से जुड़ गए। जांच एजेंसियों ने बताया था कि 2007 में आनंद कुमार के पास लगभग 7.5 करोड़ रुपये की संपत्ति थी, लेकिन इसके बाद सात साल में आनंद कुमार की संपत्ति में बेतहाशा वृद्धि हुई। उनकी संपत्ति बढ़कर सीधे 1316 करोड़ रुपये पहुंच गई। यानी उनकी संपत्ति के अनुसार उनकी कंपनियों 18 हजार प्रतिशत का मुनाफा दर्ज किया।
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Anand Kumar
कर्मचारियों को सालाना करीब 1.2 करोड़ रुपये का वेतन देते थे आनंद कुमार
बताया जाता है कि 2007 से पहले आनंद कुमार की होटल लाइब्रेरी क्लब प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक कंपनी थी, जिसका हेडक्वॉर्टर मसूरी में था। इसके साथ ही आनंद कुमार का मसूरी में शिल्टन नाम से एक होटल भी था। आनंद होटल लाइब्रेरी क्लब प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर थे और अपने कर्मचारियों को सालाना करीब 1.2 करोड़ रुपये का वेतन देते थे। इसके बाद आनंद की कंपनियों की संख्या में भी बेतहाशा वृद्धि हुई थी।
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Mayawati and Anand Kumar
नोटबंदी के दौरान अचानक बैंक खाते में जमा हुए 1.43 करोड़ रुपये

ज्ञात हो कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी। इसके बाद बड़े-बड़े बिजनेसमैन के खातों में मोटी रकम जमा हुई थी। उसी दौरान आनंद कुमार भी खबरों की सुर्खियां बने थे, क्योंकि नोटबंदी के दौरान उनके बैंक खाते में अचानक 1.43 करोड़ रुपये जमा किए गए थे। एक साथ इतनी मोटी राशि बैंक खाते में आने के बाद वह जांच एजेंसियों की रडार पर आ गए थे। उस दौरान उनके सभी बैंक खातों की जांच शुरू की गई थी। इस मामले में आनंद कुमार से जवाब भी मांगा गया था।
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मायावती ने चुनाव में भाई-भतीजे को राजनीति में उतारा

Anand Kuamr and Akash Anand
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाई आनंद कुमार पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी। मायावती ने उन्हें 23 जून 2019 में बसपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया था। इसके साथ ही आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद को भी बसपा का कॉर्डिनेटर बनाया था। हाल ही में आनंद कुमार के खिलाफ हुई आयकर विभाग की यह पहली कार्रवाई है।

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