205 वर्ष बाद फिर बनेगा ऐसा दुर्लभ योग पंडित जी के अनुसार 16 मई 1517 में मंगल-राहु की युति मिथुन में थी और शनि-केतु की युति धनु राशि में थी। इस संयोग में ही बुद्ध पूर्णिमा (buddha purnima 2019) का त्यौहार मनाया गया था। जिसके बाद अब 18 मई 2019 को ऐसा ही योग बन रहा है। वहीं ये योग आगे 205 वर्ष बाद 2 जून 2224 को बनेगा।
सुबह 4:10 बजे से रात 2:41 बजे तक रहेगी बुद्ध पूर्णिमा बता दें कि इस वर्ष बुद्ध पूर्णमा (budh purnima 2019) 18 मई की सुबह 4.10 बजे से शुरू होकर रात को 2.41 बजे तक रहेगी। इसी दिन से वैशाख मास के स्नान भी समाप्त हो जाएंगे। वहीं शास्त्रों में बताया गया है कि पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। इस दिन व्रत कर गरीबों को धन का दान भी करना चाहिए। साथ ही भगवान सत्यनारायण की कथा भी करानी चाहिए। इसके अलावा लोगों को शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ानकर ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए।