scriptनोएडा में घोटाला करने वाले अधिकारियों की 15 जनवरी से खुलेगी पोल | CAG team start auditing in noida from 15 january | Patrika News

नोएडा में घोटाला करने वाले अधिकारियों की 15 जनवरी से खुलेगी पोल

locationनोएडाPublished: Jan 11, 2018 02:47:31 pm

Submitted by:

Nitin Sharma

14 जनवरी को सीएजी के टीम पहुंचेगी नोएडा

noida gate

नोएडा।जिले की प्राधिकरणों में घोटाला करने वाले अधिकारियों की अब खैर नहीं है क्यों कि अब जल्द ही ऐसा करने वाले अधिकारियों की पोल खुल जाएगी। दरअसल, 15 जनवरी से नोएडा प्राधिकरण की नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) जांच शुरू हो जाएगी। इसके लिए सीएजी की टीम 14 जनवरी को नोएडा पहुंच जाएगी। टीम सेक्टर-15ए के गेस्ट हाउस में रूकेगी। बताया गया है कि जांच के दौरान यहीं पर सीएजी का कार्यालय बनाया जाएगा। इसके साथ ही ग्रेटर-नोएडा व यमुना विकास प्राधिकरण से भी फाइलों को मंगवा लिया गया है। इस जांच के दायरे में 10 साल के कार्यकाल की फाइले हैं।

प्रदेश सरकार ने दिए थे जांच के आदेश

बता दें कि प्रदेश सरकार ने पिछले 10 साल के कार्यकाल में नोएडा में हुए घोटालों की जांच सीएजी को सौंपी है। अभी तक प्राधिकरण के खातों की जांच लोकल फंड ऑडिट डिपार्टमेंट करता था। लेकिन योगी सरकार ने तीनों प्राधिकरण के साथ-साथ यूपीएसआईडीसी को भी जांच के दायरे में लिया है। प्राधिकरण सूत्रों के अनुसार, ऑडिट में उन सभी प्रोजेक्टों व वित्तीय नीतियों, जमीन अधिग्रहण को शामिल किया जाएगा, जिन पर प्राधिकरण ने करोड़ों रुपये खर्च किए हैं या फिर वित्तीय स्थिति को मजबूत किया है। इसके साथ ही प्राधिकरण द्वारा सरकारी महमकों को दिया गया कर्ज व बिल्डरों पर बकाया पैसा किस मद में दिया गया या खर्च किया गया। इन सभी फाइलों का भी ऑडिट किया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को फाइल अपडेट करने के निर्देश भी दिए जा चुके थे। ग्रेटर-नोएडा व यमुना विकास से इन फाइलों को मंगवाया जा चुका है। साथ ही 14 जनवरी तक नोएडा प्राधिकरण की फाइलें भी गेस्ट हाउस पहुंचा दी जाएंगी।

इन प्रोजेक्टों की भी हो सकती है जांच

बता ते चलें कि शहर की कई परियोजना व अधिकारी सीबीआई व आयकर विभाग की रडार पर हैं। इस पर सीएजी द्वारा ऑडिट कराना प्राधिकरण में व्याप्त कमियों को भी उजागर करेगा। 10 साल के कार्यकाल में ही सेक्टर-94 स्थित राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल के लिए 86 करोड़ रुपये का एमओयू साइन किया गया, लेकिन पार्क के निर्माण में करीब एक हजार करोड़ रुपये खर्च किए। लोकायुक्त ने भी इस मामले की जांच की थी। बताया गया कि बिना बिल व पर्चे के करोड़ों रुपये का खर्च किया गया। यह खर्चा प्राधिकरण के खाते से किया गया। इसमें सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआई, जिला अस्पताल, बसपा शासन काल में बने करोड़ों के स्कूल भी शामिल हैं। इसके अलावा नोएडा में बनाए जा रहे अंडरपास, मल्टीस्टोरी पार्किग, पार्क, नव निर्मित एलिवेटेड रोड की फाइल भी शामिल की जाएंगी। वहीं, यमुना पर बनाए जा रहे पुल की रिपोर्ट भी ऑडिट की जा सकती है। फिलहाल टीम की जांच के बाद पूर्व सत्ता काल के कई चेहरों से नकाब उठ सकता है।

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