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Solar Eclipse का हाेगा नकारात्मक प्रभाव ! दुर्घटनाएं बढ़ने और राजनैतिक उथल-पुथल के साथ आपदाओं की भी आशंका

locationनोएडाPublished: Jun 21, 2020 11:05:12 pm

Submitted by:

shivmani tyagi

धर्माचार्यों ने रविवार का हुए solar eclipse के भविष्य में बुरे परिणाम सामने आने की आशंका जताई है।

Solar Eclipse

सूर्यग्रहण से नहीं होगा नुकसान बस बरतें यह सावधानी

नोएडा। इस दशक का सबसे लंबा और साल का पहला सूर्य ग्रहण ( solar eclipse ) समाप्त हो चुका है। इस खगोलीय घटना को ज्योतिर्विदों ने महाग्रहण का नाम दिया है। माना जा रहा है कि, सूर्य ग्रहण का प्रभाव पूरे विश्व पर दिखाई देगा।
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नोएडा के सैक्टर 26 स्थित अखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संघ के अध्यक्ष अरुण बंसल का कहना है कि, आने वाले समय में इस महाग्रहण का नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। दुर्घटनाओं की आशंकाएं बनेगी और राजनैतिक रूप में भी उथल-पुथल हाेगी। युद्ध और आपदाओं की स्थिति पैदा हाेने की भी आशंका प्रबल हाेने की बात उन्हाेंने कही है।
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अरुण बंसल कहते है कि काफी समय बाद ऐसा सूर्य ग्रहण लगा है। यह सूर्य ग्रहण जब लगा, उस दौरान सूर्य दिल्ली और भारत के ऊपर से होकर जा रहा था। इसलिए भी इसका असर इस बार ज्यादा होगा। सूर्य ग्रहण पर ऐसे कई महासंयोग बन रहे हैं जो आज से तकरीबन 900 से पहले बने थे। इस ग्रहण में सूर्य का संयोग राहु, बुध और चंद्र के साथ बन रहा है।
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इस ग्रहण में सूर्य का मंगल से भी संबंध होगा। इस महा ग्रहण के समय एक धुरी में सूर्य के साथ चंद्रमा और चंद्रमा के साथ शुक्र और बुध थे। उसके विपरीत में गुरु और शनि हैं। यह सारे ग्रह मंगल को छोड़कर एक धुरी पर आ गए। इससे ग्रेविटेशनल फ़ोर्सेस डिसबैलेंस हो जाता है। इस डिसबैलेंस के कारण भूकंप, ज्वार-भाटा जैसी प्राकृतिक आपदाओं का जन्म हाेता है। जिस तरह का हाई टाइड्स समुन्द्र में आती हैं उसी तरह की हाई टाइड्स लोगों के दिमाग में भी आती हैं। इससे लड़ाई झगड़े हो जाते हैं और युद्ध भी हो जाते हैं। इसके साथ-साथ दुर्घटनाएं और आगजनी की घटनाएं भी बढ़ती हैं।
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अरुण बंसल कहते है कि यह सब इंपैक्ट है जो कि दिखाई देते हैं। यह सब बातें सिर्फ ज्योतिष नहीं हैं साइंटिफिक भी हैं। कॉसमॉस के अंदर जब सारे ग्रह इकट्ठे होते हैं ताे उससे ग्रह ग्रेविटेशन पर इंपैक्ट पड़ता है और ग्रेविटेशन डिसबैलेंस हो जाता है। उदाहरण के लिए जब अमस्या और पूर्णिमा आती हैं तो समय समुद्र में ज्वार भाटा काफी तेजी से उभरता है। अब जबकि इतने सारे ग्रह एक धुरी पर हैं इकट्ठा हो रहे हैं, तो वो ग्रेविटेशनल फोर्स डिसबैलेंस करेंगे। यही कारण है कि, इस महाग्रहण का प्रभाव निगेटिव हाेगा।
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