कंपनी के अधिकारियों ने लोगों को बताया था कि यह बाइक टैक्सी स्कीम है और इसमें पैसे लगाने पर लोगों को बड़ा रिटर्न मिलेगा। हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ और हजारों करोड़ की ठगी करने के बाद संजय भाटी और उसके साथी चंपत हो गए। संजय भाटी फिलहाल जिला कारागार गौतमबुद्ध नगर में बंद है, लेकिन विजेंद्र सिंह हुड्डा देश में ही नहीं है।
हर महीने रिटर्न्स का ऑफर इस ठगी की स्कीम के तहत लोगों को ऑफर दिया गया था कि वे बाइकों को खरीदने के लिए जो निवेश करेंगे, उसके बदले में उन्हें हर महीने रिटर्न हासिल होगा। इसके अलावा अन्य लोगों को जोड़ने पर कुछ अलग इंसेंटिव देने की भी बात कही गई थी। इसके अलावा कंपनी ने देश के कई शहरों में अपनी फ्रेंचाइजी शुरू करने की भी बात कही। हालांकि यह स्कीम कहीं भी जमीन पर नहीं उतरी और लोगों से फ्रॉड जारी रहा। इस स्कीम को कंपनी ने 2017 में लॉन्च किया था और 2019 के शुरुआती दिनों तक यह घोटाला लगातार जारी रहा। इस दौरान देश भर से लाखों लोगों ने कंपनी में करीब 15,000 करोड़ रुपये का निवेश कर दिया था।
सीबीआई की एफआईआर में पुलिस पर भी सुई सीबीआई से पहले इस केस में ईडी ने जांच शुरू की थी। एजेंसी की ओर से कंपनी के प्रमोटर्स की 216 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की थी। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में लिखा है कि 2 लाख लोगों से ठगी का यह मामला है। इसके तहत कंपनी ने विज्ञापन जारी करके लोगों से स्कीम में निवेश की अपील की थी। इसके अलावा सीबीआई ने अपनी एजेंसी में पुलिस की ढिलाई पर भी सवाल उठाया है। रिपोर्ट के मुताबिक एसएसपी और एसपी क्राइम ब्रांच ने लोगों से अपनी शिकायतों को वापस लेने के लिए दबाव बनाया था।