भगवान परशुराम ने की थी इस देवी मंदिर की स्थापना, पांडवों ने ली थी शरण ऐसे पहचानें असली कपूर माता की आरती के लिए कपूर का प्रयोग किया जाता है लेकिन कहीं ऐसा तो नहीं कि आप नकली कपूर से आरती कर रहे हों। यह जरूरी है की आप कपूर खरीदने से पहले उसकी पहचान कर लें। फूड एंड ड्रग्स इंस्पेक्टर नरेश मोहन का कहना है कि असली कपूर उड़नशील द्रव्य होता है, जो पेड़ से मिलता है। इसमे एक तीखी गंध होती है। कपूर जलाने के बाद अगर राख नजर नहीं आए तो समझ जाइए कि वह असली है और अगर काली राख बचती है तो कपूर नकली है। उन्होंने बताया कि असली कपूर जलने के साथ पिघल जाता है। उसका कोई भी कण बाद में नहीं दिखता है।
त्रेता युग का गवाह रह चुका है यह मंदिर, रावण लाया था मां की मूर्ति ऐसे करें नकली सिंदूर की पहचान नवरात्र पर ही नहीं बल्कि पूरे साल पूजा में सिंदूर का प्रयोग किया जाता है। मां के श्रंगार के लिए सिंदूर का बहुत महत्व है। बाजार में कई मुनाफाखोर नकली सिंदूर भी बेच रहे हैं। असली सिंदूर मिल भी रहा होगा तो आप उसे पहचानेंगे कैसे। नकली सिंदूर में सिंथेटिक रंग मिलाया जाता है, जिसमें सबसे ज्यादा इस्तेमाल लेड का होता है। असली सिंदूर भी पेड़ों से ही मिलता है। इसकी पहचान करने के लिए आप थोड़ा सा सिंदूर अपने हाथ पर रखें और हथेली को रगड़िए। इसके बाद सिंदूर पर फूंक मारें। अगर आपके हाथ पर सिंदूर का कोई भी कण चिपका रह जाता है तो समझ जाइए कि यह नकली है।
जानिए, क्या है माता शैलपुत्री की कथा कलावे को तोड़कर देखें नकली कपूर या सिंदूर हीं नहीं बल्कि मार्केट में कलावा भी नकली आ रहा है। इसकी पहचान के लिए आप कलावे को तोड़कर देखिए। अगर बिना जोर लगाए कलावा आसानी से टूट जाए तो समझ लें कि यह असली है। अगर यह नकली होगा तो आपकी कलाई को नुकसान भी पहुंचान सकता है। इसके अलावा मुनाफाखाेर नकली कलावे में सिंथेटिक रंग का भी प्रयोग करते हैं, जिससे आपकी त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है।