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काशी विश्वनाथ धाम में बनेगी सबसे ऊंची इमारत सुरक्षा वॉच टावर उल्लेखनीय है कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण कार्य की जिम्मेदारी ज्यूरिख एयरपोर्ट को दी गई है। विकासकर्ता कंपनी ने टर्मिनल का डिजाइन चार चार कंपनियों से तैयार करवाया है, जिसमें हैप्टिक, एसटीयूपी, ग्रिमशॉ और नॉर्डिक शामिल हैं। तीन चरणों के बाद एयरपोर्ट के डिजाइन को फाइनल किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एयरपोर्ट की प्रगति को लेकर समीक्षा की है। सीएम योगी एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग के डिजायन से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि टर्मिनल बिल्डिंग की डिजाइन में भारतीय संस्कृति, ऐतिहासिक विरासत और अध्यात्म की झलक के समावेश के साथ डिजाइन को फाइनल करें।
विश्व के अत्याधुनिक टर्मिनल की तर्ज पर बनेगी बिल्डिंग बता दें कि प्रदेश नागरिक उड्डयन मंत्री नंदगोपाल नंदी, अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल, नियाल सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह और ज्यूरिख एयरपोर्ट कंपनी के अधिकारी की मौजूदगी में एक बैठक हुई है। इस दौरान एयरपोर्ट की शुरुआत में ही 1.20 करोड़ लोगों के वार्षिक सफर करने का आकलन किया गया। इसलिए टर्मिनल की बिल्डिंग को भी उसी हिसाब से तैयार किया जाना है। इसमें प्रवेश और निकासी मार्ग एक तरफ से ही रखने की योजना है, ताकि यात्रियों को कोई परेशानी न हो। कंपनी के अधिकारियों ने बैठक में कहा कि एयरपोर्ट के टर्मिनल विश्व के अत्याधुनिक टर्मिनल की तर्ज पर बनाए जाएंगे। यहां बड़े स्तर पर फूड कोर्ट भी बनाया जाएगा।
यात्री बढ़ने पर बनेगा एक और टर्मिनल बैठक में यह भी तय किया गया कि एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या बढ़ने पर एक और टर्मिनल बनेगा। इसकी योजना पहले ही बन चुकी है। बता दें कि जेवर में बनने वाले देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट के फर्स्ट फेज में 1334 हेक्टेयर भूमि पर निर्माण किया जाएगा। एयरपोर्ट पर कार्गो की सुविधा भी दी जाएगी। दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित इस एयरपोर्ट के निर्माण में 29,560 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बैठक में शामिल नियाल सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि सीएम योगी की मंशा से विकासकर्ता कंपनी को अवगत करा दिया गया है।