शहर में चल रहे 94 बिल्डर प्रोजेक्ट
बता दें कि शहर में करीब 40 बिल्डर हैं जिनका 94 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। प्राधिकरण द्वारा भूखंड आवंटन के समय बिल्डरों ने कुल भूखंड की 10 प्रतिशत रकम ही जमा की थी। बाकी रकम आसान किस्तों पर जमा करनी थी। लेकिन कुछ किस्तों के बाद बिल्डरों ने किस्त जमा करना बंद कर दिया। ऐसे में प्राधिकरण पर बिल्डरों का करीब 25 हजार करोड़ रुपए बकाया है। जिसके चलते कई बिल्डरों को प्राधिकरण द्वारा कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी नहीं किए जा रहे हैं। वहीं हजारों बायर्स अपने घरों की आस लगाए लगातार सरकार से गुहार लगा रहे हैं।
बता दें कि शहर में करीब 40 बिल्डर हैं जिनका 94 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। प्राधिकरण द्वारा भूखंड आवंटन के समय बिल्डरों ने कुल भूखंड की 10 प्रतिशत रकम ही जमा की थी। बाकी रकम आसान किस्तों पर जमा करनी थी। लेकिन कुछ किस्तों के बाद बिल्डरों ने किस्त जमा करना बंद कर दिया। ऐसे में प्राधिकरण पर बिल्डरों का करीब 25 हजार करोड़ रुपए बकाया है। जिसके चलते कई बिल्डरों को प्राधिकरण द्वारा कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी नहीं किए जा रहे हैं। वहीं हजारों बायर्स अपने घरों की आस लगाए लगातार सरकार से गुहार लगा रहे हैं।
दिसंबर तक देने है 50 हजार फ्लैट
सत्ता परिवर्तन के बाद बायर्स को उम्मीद थी उनका आशियाना उन्हें मिलेगा। लिहाजा मुख्यमंत्री ने मंत्रियों की एक समिति का गठन किया। बैठकों के बाद 12 दिसंबर तक 50 हजार बायर्स को मकान देने का लक्ष्य तय किया गया। यह लक्ष्य पूरा कर पाना बिल्डरों के बस में नहीं है। बतौर क्रेडाई ने प्राधिकरण व शासन के समक्ष जीरो पीरियड के अलावा ब्याज माफी की शर्त भी रखी। इन शर्तो को प्राधिकरण ने सिरे से खारिज कर दिया। हालांकि सात बिल्डरों ने प्राधिकरण में अपने बकाया की जानकारी मांगी है। ताकि वह दिसंबर तक 8 हजार बायर्स को मकान दे सके।
सत्ता परिवर्तन के बाद बायर्स को उम्मीद थी उनका आशियाना उन्हें मिलेगा। लिहाजा मुख्यमंत्री ने मंत्रियों की एक समिति का गठन किया। बैठकों के बाद 12 दिसंबर तक 50 हजार बायर्स को मकान देने का लक्ष्य तय किया गया। यह लक्ष्य पूरा कर पाना बिल्डरों के बस में नहीं है। बतौर क्रेडाई ने प्राधिकरण व शासन के समक्ष जीरो पीरियड के अलावा ब्याज माफी की शर्त भी रखी। इन शर्तो को प्राधिकरण ने सिरे से खारिज कर दिया। हालांकि सात बिल्डरों ने प्राधिकरण में अपने बकाया की जानकारी मांगी है। ताकि वह दिसंबर तक 8 हजार बायर्स को मकान दे सके।
इन बिल्डरों ने मांगी बकाया राशि की जानकारी
प्राधिकरण से बकाया राशि की जानकारी मांगने वाले बिल्डरों में लाजिक्स के सेक्टर-137,143 में बन रही तीन परियोजना, सेक्टर-74 में सनशाइन इंफ्रालेज प्रा. लि., सेक्टर-78 में एंटरिशे डेवलपर्स, सेक्टर-107 में ग्रेटर वैल्यू इंडिया लिमिटड, सेक्टर-78 में रंगीन एस्टेट शामिल है। इन सभी के करीब 8000 फ्लैटों का काम लगभग पूरा हो चुका है। बताते चले कि इन सभी बिल्डरों ने प्राधिकरण के समक्ष अपना प्रस्ताव भी रखा है। जिस पर कार्य किया जा रहा है।
प्राधिकरण से बकाया राशि की जानकारी मांगने वाले बिल्डरों में लाजिक्स के सेक्टर-137,143 में बन रही तीन परियोजना, सेक्टर-74 में सनशाइन इंफ्रालेज प्रा. लि., सेक्टर-78 में एंटरिशे डेवलपर्स, सेक्टर-107 में ग्रेटर वैल्यू इंडिया लिमिटड, सेक्टर-78 में रंगीन एस्टेट शामिल है। इन सभी के करीब 8000 फ्लैटों का काम लगभग पूरा हो चुका है। बताते चले कि इन सभी बिल्डरों ने प्राधिकरण के समक्ष अपना प्रस्ताव भी रखा है। जिस पर कार्य किया जा रहा है।