मुजफ्फरनगर में पुलिस ने पकड़ी सपा नेता की तमंचा फैक्ट्री-देखें वीडियो प्रदेश सरकार ने पिछले 10 साल के कार्यकाल में नोएडा में हुए घोटालों की जांच सीएजी को सौंपी है। अभी तक प्राधिकरण के खातों की जांच लोकल फंड ऑडिट डिपार्टमेंट करता था। सरकार ने तीनों प्राधिकरण के साथ-साथ यूपीएसआईडीसी को भी जांच के दायरे में लिया है। प्राधिकरण सूत्रों के अनुसार, आॅडिट में उन सभी परियोजनाओं व वित्तीय नीतियों, जमीन अधिग्रहण को शामिल किया जाएगा, जिन पर प्राधिकरण ने करोड़ों रुपये खर्च किए हैं या फिर वित्तीय स्थिति को मजबूत किया है। प्राधिकरण द्वारा सरकारी महमकों को दिया गया कर्ज व बिल्डरों पर बकाया पैसा किस मद में दिया गया या खर्च किया गया, इन सभी फाइलों का भी ऑडिट की जाएगी।
हकीकत में तब्दील होगा ख्वाब, इसी माह 25 हजार बायर्स को मिल जाएगा आशियाना इसकी शुरुआत सोमवार से हो गई। बताते चले कि शहर की कई परियोजना व अधिकारी सीबीआई व आयकर विभाग के रडार पर हैं। इस पर कैग द्वारा आॅडिट कराना प्राधिकरण में व्याप्त कमियों को भी उजागर करेगा। 10 साल के कार्यकाल में ही सेक्टर-94 स्थित राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल के लिए 86 करोड़ रुपये का एमओयू साइन किया गया, लेकिन पार्क के निर्माण में करीब एक हजार करोड़ रुपये खर्च किए। लोकायुक्त ने भी इस मामले की जांच की थी। बताया गया कि बिना बिल व पर्चे के करोड़ों रुपये का खर्च किया गया। यह खर्चा प्राधिकरण के खाते से किया गया। इसमें सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआई, जिला अस्पताल, बसपा शासन काल में निर्मित करोड़ों के स्कूल भी शामिल हैं। फिलहाल पहले चरण में लैंड विभाग की फाइलों की जांच शुरू की गई।