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आगामी लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर पार्टियों ने तैयारियां करनी शुरू कर दी है। इस बार कई पार्टियों ने अलग-अलग रणनीति बनाई है। एक तरफ जहां बीएसपी नए सदस्य बनाकर शुल्क लेने की योजना बना रही है। टिकट के लिए दावेदारी करने वालों से बीएसपी 5 हजार से लेकर 15 हजार रुपये तक लेगी। समान्य वर्ग से 15 हजार, ओबीसी से 10 और एससी एसटी वर्ग के दावेदारों से 5 हजार रुपये लेगी। वहीं पार्टी की प्लानिंग है कि हर सेक्टर में कम से कम 40 से अधिक लोगों को दल से जोड़ा जाए। वहीं समाजवादी पार्टी ने इस बार लोकसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी पेश करने वालों 20 हजार रुपये शुल्क ले सकती है। पार्टी के सुत्रो की माने तो यह शुल्क बतौर पार्टी फंड के तौर पर लिया जाएगा। इसके अलावा आरएलडी ने भी सदस्यता अभियान चलाया हुआ है। आरएलडी ने आॅनलाइन सदस्यता अभियान चलाया हुआ है। आरएलडी के प्रदेश महामंत्री संगठन डॉ. राजकुमार सांगवान के मुताबिक सदस्यता शुल्क पांच रुपये लिए जाते है। वहीं कांग्रेस ने इस बार लोकसभा चुनाव के लिए फंड जुटाने के लिए जनता के बीच जाएगी। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं की माने तो पिछले कुछ सालों में चंदा मिलने में कमी आई है। इसकी वजह से जनता के बीच में जाना पड़ रहा है। पार्टी सुत्रो ने बताया कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता घर-घर जाकर वोट मांगेंगे। साथ ही पार्टी के लिए फंड भी। दरअसल में पार्टी को फंड देने वालों की कमी आई है। हालाकि इसका फायदा यह होगा कि पार्टी के नेता डोर टू डोर जाकर जनता की समस्या जानकर उन्हें हल करने का प्रयास करेंगे। साथ ही जनता से सीधा संवाद होने से उनसे वोट भी मांगे सकेंगे। पार्टी सुत्रो की माने तो जनता से चंदा एकत्रित किया जाएगा।