दरअसल नाेएडा के स्लम एरिया में स्वास्थ्य विभाग ने अभियान चलाया था। आठ दिन तक चले अभियान में जाे आकड़े सामने आए उनके अनुसार स्लम एरिया में संक्रमण की दर एक प्रतिशत से भी कम रही। इसके विपरीत नाेएडा की पॉश कालाेनियाें में संक्रमण की दर 4.4 प्रतिशत है। इस तरह पॉश कालाेनियाें के सापेक्ष झुग्गी-झाेपड़ियों में संक्रमण की दर काे देखते हुए यह कहना अतिश्याेक्ति नहीं हाेगा कि झुग्गी-झाेपड़ियों में कोरोना वायरस दम ताेड़ रहा है।
नाेएडा के सेक्टर 5, 8, 9 और 10 ऐसे सेक्टर हैं जिनका कुछ हिस्से की गिनती अरबन स्लम एरिया में हाेती है। यहां काफी संख्या में झाेपड़ियां हैं। इन्ही झुग्गी-झाेपड़ियाें में रहने वाले करीब 2200 परिवाराें के सदस्यों की कोरोना जांच कराई गई थी। इनकी औसत रिपाेर्ट में पता चला कि स्लम एरिया में कोरोना संक्रमण की दर एक प्रतिशत से भी कम है।
नाेएडा के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर दीपक ओहरी के अनुसार जब टारगेडिट टेस्टिंग अभियान चलता है ताे उसके तहत विशेष वर्ग और क्षेत्र में टेस्टिंग की जाती है। इनमें अस्पताल, सरकारी कार्यालय, भीड़-भाड़ वाले इलाके, बाजार, वृद्ध आश्रम, हाेटल, रेहड़ी पटरी वाले सब्जी वाले आदि की टेस्टिंग की जाती है। इन सभी में सबसे कम मरीज झुग्गी झाेपड़ियों में मिले हैं।