यह भी पढ़ें- कोराना वायरस अपडेट : यूपी में 24 घंटे में मिले 4844 नए संक्रमित, 234 की मौत, इस श हर में सबसे अधिक मौतें अब जलालपुर गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है। कोरोना वायरस ने जिस तरह से कहर बरपाया उससे न केवल गांव के लोग दहशत में हैं, बल्कि आसपास के गांव में भी कोरोना वायरस चर्चाओं का विषय बना हुआ है। गांव के लोगों का कहना है कि 28 अप्रैल से गांव में मौत का तांडव शुरू हुआ था, जो अभी भी जारी है। दो बेटों की मौत के बाद पिता अतर सिंह सदमे में चले गए और उसके बाद देर रात अतर सिंह की भी मौत हो गई। कोरोना वायरस के चलते गांव के लोगों में दहशत का माहौल है तो वहीं मृतक के परिवार में एक बेटा ही बचा है, जिसके कंधे पर पूरे घर की जिम्मेदारी आ गई है।
दो बेटों की मौत से टूट गए थे अतर सिंह जलालपुर (Jalalpur) निवासी रविंद्र भाटी ने बताया कि एक दिन ही में दोनों बेटों की मौत होने से पिता अतर सिंह टूट गए थे। सदमे के कारण उनकी भी तबीयत बिगड़ती चली गई। ज्यादा हालत खराब होने पर उनको गांव के ही अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनकी कोविड रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। शुक्रवार को अतर सिंह को खैरपुर गुर्जर के पास एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। देर रात करीब एक बजे गंभीर हालत में उनको नोएडा के मेट्रो अस्पताल ले जाया गया। जहां शनिवार देर रात उनकी भी मौत हो गई।
परिवार के सामने खड़ा हुआ आर्थिक संकट एक साथ तीन सदस्यों की मौत से परिवार टूट चुका है। सबसे बड़े बेटे दीपक का डीजे का काम था। उसने शादी नहीं की थी। उसके छोटे बेटे पंकज की शादी हो चुकी थी। उसकी पत्नी के एक बेटा और बेटी है। वहीं, सबसे छोटे बेटे भारत की भी शादी हो चुकी है, वह अधिवक्ता है। अभी तक घर का खर्च बेटों की कमाई और अतर सिंह की पेंशन से चल रहा था। अतर सिंह दिल्ली के एक सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त थे। इस कारण परिवार के पांच सदस्यों के सामने आर्थिक संकट भी खड़ा हो गया है। गांव वालों ने सरकार से परिवार को आर्थिक मदद देने की मांग की है।