इस दौरान गौतमबुद्ध नगर के सीपी आलोक सिंह (Police Commissioner Alok Kumar) ने अपने कार्यालय में ही मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि कमिश्नरी की तैयारी 1980 से चल रही थी। भारत के 71 से ज्यादा शहरों में कमिश्नरी सिस्टम पहले से ही लागू है, उत्तर प्रदेश में ये पहली बार लागू किया गया है। आलोक सिंह ने बताया कि कमिश्नरी सिस्टम से ओवरऑल इंवेस्टिगेशन की प्रणाली इंप्रूव होगी। पूरे नोएडा (Noida) को तीन जोन में बांटकर कर डीसीपी अधिकारी को काम पर लगाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पुलिस बल भी बढ़ाया गया है। इससे इंवेस्टिगेशन की क्वालिटी बेहतर होगी। सीपी ने बताया कि पिछले 2 दिनों में ही 16 सौ पुलिसकर्मी बढ़ाए गए हैं, जिसमें 9 आईपीएस ऑफिसर भी शामिल हैं। इसके साथ ही महिला विरोधी अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए एक एसपी रैंक की महिला अधिकारी और एक एडिशनल एसपी रैंक की महिला अधिकारी को विशेष रूप से तैनाती दी जा रही है। वहीं, यातायात की दृष्टि से एक पुलिस अधीक्षक और एक अपर पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी तैनात किए जा रहे हैं।
सीपी आलोक सिंह ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर जिले में एफआईआर दर्ज करने के मामले में रिकॉर्ड पहले भी अच्छा रहा है। हमारी कोशिश होगी कि एफआईआर सौ प्रतिशत रजिस्टर्ड हों। उन्होंने कहा कि जहां तक पुलिसकर्मियों के व्यवहार की बात है तो इसके लिए विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जाएगा। पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ने से जो पुलिसकर्मी दबाव में काम करते थे, उससे उन्हें राहत मिलेगी। साइबर क्राइम और फॉरेंसिक लैब के बारे में सीपी ने कहा कि इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। नोएडा में वर्ल्ड क्लास की फॉरेंसिक लैब बनेगी।