नोएडा में सड़क से गुजरते समय आपको सड़कों के किनारे लाल रंग की एक पट्टी दिखाई पड़ेगी
नोएडा। अगर आप नोएडा में हैं तो सड़क से गुजरते समय आपको सड़कों के किनारे लाल रंग की एक पट्टी दिखाई पड़ेगी। ये पट्टी या तो खाली दिखेगी या फिर इस पर कहीं-कहीं अतिक्रमण या पार्किंग दिख सकती है लेकिन शायद ही इस ट्रैक पर आपको कोई साइकिल से चलता हुआ नजर आए।
नोएडा ही नहीं प्रदेश के कई शहरों में इस तरह की लाल रंग की साइकिल पट्टी दिखाई दे जाएगी। दरअसल दो तीन साल पहले जब अखिलेश नीदरलैंड से लौटे थे तो राज्य के कई शहरों में साइकिल ट्रैक बनवानेे की योजना भी अपने साथ लेकर आए थे। इस ट्रैक को तैयार करने का डिजाइन उन्होंने नीदरलैंड की ही एक कंपनी को सौंपा था। इसके बाद इसके अमल पर जोर शोर से काम शुरू हो गया। कुल मिलाकर ये पूरा प्रोजेक्ट 150 करोड़ रुपए का था। नोएडा में ये साइकिल ट्रैक वर्ष 2016 में करीब 44 किलोमीटर की दूरी को कवर करने वाला था।
नोएडा में साइकिल ट्रैक पर साइकिल को छोड़कर सबकुछ
नोएडा में सेक्टर 62, 63, 64, 44 और कई अन्य सेक्टर्स के आसपास ये ट्रैक या तो बन गए हैं या बनने वाले हैं। इसके अलावा रजनीगंधा चौक से सेक्टर 12 की ओर जाने वाली मुख्य सड़क के साथ ही ये दिखता है। लेकिन जहां कहीं ये ट्रैक नजर आता है, उस पर आमतौर पर कहीं भी साइकिलें चलती नहीं दिखतीं बल्कि लोग इसके बावजूद साइकिलों के लिए मुख्य सड़कों का ही इस्तेमाल करते हैं।
पार्किंग लाट बने ये साइकिल ट्रैक
कुछ सेक्टर्स और रजनीगंधा चौक के आसपास इस ट्रैक को कुछ लोगों ने पार्किंग लाट में बदल दिया है। जिस पर या कारें पार्क हो रही हैं या फिर मोटरसाइकिलें। कुछ लोगों को ये ट्रैक समाजवादी पार्टी का प्रचार लगते हैं। उनका कहना है कि जिस तरह से लाल पट्टी पर जगह जगह साइकिल के लोगों बनाए गए हैं, उससे लगता है कि ये पार्टी का प्रचार हो रहा है।
ट्रैक में भ्रष्टाचार का भी आरोपप्रदेश में चूंकि इस तरह के ट्रैक आगरा, बरेली, मेरठ, गाजियाबाद आदि समेत कई शहरों में बनाए जा रहे हैं, लिहाजा इनको लेकर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की चर्चाएं भी आम हैं। इन पर गड़बड़ियों की बात की जा रही है। कई जगहों पर बस लाल रंग से पेंट कर दिया गया है ये भी नहीं देखा गया कि जहां से ट्रैक से जा रहा है, वो एक समान है भी या नहीं।