डीएमआरसी के अधिकारियों की माने तो कई बार कार्ड्स तकनीकी वजह से खराब हो जाते है। ये मशीन को रीड नहीं कर पाते है। तकनीकी वजह से अनरीडेबल होने वाले कार्ड्स को बदलने की प्रक्रिया अब मेट्रो के अधिकारियों की तरफ से आसान कर दी गई है। अब Metro Station पर हाथों हाथ कार्ड्स को बदल सकते है। अभी तक कार्ड्स के अनरीडेबल होने पर उसे मेट्रो स्टेशन पर जमा कराना होता था। उसके बाद में करीब 5 दिन बाद कार्ड को वापस मिलता था। इससे लोगों को दिक्कतें होती थी। बताया जाता है कि कभी—कभार अधिक वक्त भी कार्ड मिलने में लग जाता था।
दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों की माने तो कार्ड्स के खराब होने के बाद नए मिलने में दिक्कतें नहीं होगी। यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। इसके बाद में आसानी के साथ कार्ड मिल जाएगे। दरअसल में बड़ी संख्या में लोग स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करते है। इसका फायदा यह भी होता है कि उन्हें टिकट के लिए टोकन नहीं लेना पड़ता था। डीएमआरसी के अधिकारियों की माने तो करीब 70 प्रतिशत मेट्रो यात्री स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। उन्हें फायदा होता है। दरअसल में स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करने वालों को 10 प्रतिशत की छूट मिलती है। दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले 2.20 करोड़ स्मार्ट कार्ड्स से लगभग 600 कार्ड्स अनरीडेबल हो जाते है। फिजिकली डैमेज होने वाले कार्डस को बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।