नोएडा

UPSC Result: 14 वर्ष की उम्र में पिता की मौत हो जाने के बाद भी यह मुस्लिम बेटी बनीं आईपीएस

छोटे से कस्बे में रहने वाली किसान की बेटी बनी आईपीएस

नोएडाApr 28, 2018 / 07:55 pm

Iftekhar

मुरादाबाद. संघ लोक सेवा आयोग वर्ष 2017 की सिविल सर्विस परीक्षा का नतीजा घोषित होने के बाद से मुरादाबाद के कुन्दरकी कस्बे में खुशी की लहर है। इसकी वजह है यहां के एक किसान की बेटी का आईपीएस के लिए चुना जाना। कुन्दरकी कस्बे के किसान स्वर्गीय काजी अफरोज की बेटी इल्मा के यूपीएससी परीक्षा में सफल होने की खबर आते ही लोगों में खुशी की लगर दोड़ गई। पिता के १४ साल की उम्र में ही स्वर्गवास हो जाने के बाद बेटी को मिली इस कामयाबी के बाद मुबारकबाद देने वालों का उनके घर तांता लग गया।

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संघ लोक सेवा आयोग वर्ष 2017 की सिविल सर्विस परीक्षा का नतीजा शुक्रवार को घोषित किया गया। इसमें करीब 900 से अधिक पदों पर क और ख समूह के अधिकारीयों को चयन किया गया। वहीं, इस परीक्षा में मुरादाबाद की बेटी ने भी जनपद का नाम ऊंचा किया है। यहां कुन्दरकी कस्बे की रहने वाली किसान की बेटी इल्मा ने अखिल भारतीय स्तर पर 217वीं रैंक हासिल की। उनके मुताबिक उन्हें संभवतः भारतीय पुलिस सेवा में मौका मिलेगा। इल्मा की इस सफलता के बाद उनके पूरे परिवार में ख़ुशी का माहौल है। वहीं, इल्मा ने भी इस सफलता का श्रेय परिवार और शिक्षकों को दिया है।

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कुन्दरकी कस्बे के किसान स्वर्गीय काजी अफरोज की बेटी इल्मा शुरू से ही पढ़ने लिखने में आगे रहीं। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। जब इल्मा की उम्र महज 14 साल थी तभी उनके पिता की मौत हो गई। पिता की मौत के बाद मां सुहैला परवीन ने कभी पिता की कमी नहीं खलने दी और हर मुमकिन कोशिशकर अपने बच्चों को पढ़ाने में जुटीं रहीं। दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से दर्शनशास्त्र की पढ़ाई के बाद इल्मा आगे की पढाई के लिए उन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से पढाई की। उन्होंने इस दौरान आईएफएमआर स्कोलरशिप और कंटेम्पररी साउथ एशियाई स्टडीज जैसे अवार्ड भी मिले।

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ऑक्सफ़ोर्ड के बाद इल्मा यूनाइटेड नेशंस के साथ जुड़ गयीं। वहां उन्हें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की सचिव के रूप में काम करने का भी मौका मिला। लेकिन इल्मा ने अपने गांव कुन्दरकी से रिश्ता कभी खत्म नहीं किया। यही नहीं वे गरीब बच्चों के लिए होप नामक एक एनजीओ भी संचालित कर रही हैं।

 
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