इस सूची के आधार पर प्रशासन द्वारा इन बच्चों की काउंसलिंग कराई जाएगी, ताकि भविष्य में प्रद्युम्न व गौड़ सिटी डबल मर्डर जैसी वारदातों को रोका जा सके और बच्चों के दिमाग में चल रही चीजों को ठीक किया जा सके। हालांकि स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि इस तरह से बच्चों को चिन्हित न करते हुए प्रशासन द्वारा सभी छात्रों के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया जाना चाहिए, जिससे की सभी बच्चों को सही काउंसलिंग मिल सके।
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अब पुलिस के फरमान के बाद मदरसा दारूल उलूम देवबंद के छात्रों पर लगा ये प्रतिबंध प्राइवेट स्कूल बोले- सूची तैयार करना बहुत ही कठिनदरअसल, डीआईओएस (डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर ऑफ स्कूल) द्वारा जिले के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों को पत्र जारी कर निर्देश दिए गए हैं कि उनके यहां पढ़ने वाले उन छात्रों की एक सूची तैयार की जाए, जिनका व्यवहार गुस्सैल है और वह बात-बात पर झगड़ा करते हैं। ताकि इन बच्चों को काउंसिल कर इस तरह के व्यवहार का पता किया जा सके। हालांकि इस संबंध में कई प्राइवेट स्कूलों का कहना है कि इस तरह बच्चों की सूची तैयार करना बहुत ही कठिन है।
सूची में शामिल नामों को रखा जाएगा गोपनीय डीआईओएस पीके उपाध्याय ने बताया कि हाल ही में स्कूलों में हुई घटनाओं को ध्यान में रखते हुए 6 दिसंबर को जिले के सभी स्कूलों को जल्द से जल्द गुस्सैल और झगड़ा करने वाले छात्रों की सूची तैयार करने को कहा गया है, ताकि उन बच्चों की सही से काउंसलिंग हो सके। इसके साथ ही स्कूलों को अवगत करा दिया गया है कि सूची में जिन भी बच्चों का नाम उसे गोपनीय रखा जाएगा।
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यहां सपा-कांग्रेस और रालोद के महागठबंधन ने भाजपा को दी करारी शिकस्त, जमकर मना जश्न, देखें तस्वीरें- सभी छात्रों को मिले काउंसलिंग यूआरपीएसए (सहायता रहित मान्यता प्राप्त पब्लिक स्कूल संघ) की सचिव आशा प्रभाकर ने बताया कि हमारे द्वारा डीआईओएस को जवाब में पत्र लिखा गया है कि स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को उनके व्यवहार के आधार पर चिन्हित करना बहुत ही कठिन और संवेदनशील मामला है। इसलिए स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्रों के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया जाए, ताकि सभी को सही काउंसलिंग मिल सके।