दरअसल, जिला अस्पताल में प्रदर्शन कर रहे लोग कांट्रैक्ट पर डाटा एंट्री ऑपरेटर, पैरामेडिकल स्टाफ और टेक्नीशियन के पद पर पिछले 5 साल से कॉन्ट्रेक्ट पर नौकरी कर रहे हैं। उनका कहना है कि पिछले चार महीने से वेतन न मिलने के कारण वह हड़ताल करने के लिए मजबूर हैं। आक्रोशित कर्मचारियों का कहना कि उन्हें चार-पांच महीने से वेतन नहीं मिला है। शासन से अश्वासन तो मिल रहा है कि जल्द वेतन दे दिया जाएगा पर चार महीने बीत गए पर अबतक वेतन नहीं मिला है। ऐसे में परिवार का पालन पोषण मुश्किल है।
इस दौरान कंप्यूटर ऑपरेटर कुलदीप वर्मा ने बताया कि पहले रुक-रुककर वेतन आता था। लेकिन इस बार अक्तूबर माह से उन्हें वेतन नहीं मिला है। ऐसे में परिवार का पालन पोषण मुश्किल है। वेतन मिलने का हमेशा उन्हें आश्वासन अधिकारियों से मिलता रहा है। लेकिन अब उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया है। इस तरह नौकरी से हटाये जाने के बाद वह कैसे अपने परिवार का पालन-पोषण करेंगे और उनका बकाया वेतन कैसे मिलेगा। इसका कोई जवाब उन्हें नहीं दिया जा रहा है। इन कर्मचारियों की मांग थी कि उनका बकाया वेतन दिलवाकर उनकी सेवाओं को बहाल किया जाए ताकि उनका गुजारा चल सके। इस बाबत सीएमएस वंदना शर्मा का कहना है कि कुल 104 लोगों की सैलरी नहीं आई है।शासन से फंड नहीं आया है। आने पर इनका भुगतान कर दिया जाएगा।