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जब अस्पताल में बीमार युवती को लेटना पड़ा जमीन पर तो देखने वाले भी आ गए सदमे मेें

locationनोएडाPublished: Jul 29, 2018 09:14:59 pm

Submitted by:

Iftekhar

डॉक्टरों की हरकत से नाराज परिजनों ने किया जबरदस्त हंगामा

NOIDA District hospital

जब अस्पताल में बीमार युवती को लेटना पड़ा जमीन पर ते देखने वाले भी आ गए सदमे मेें

नोएडा. कहने के लिए तो नोएडा शहर हाईटेक है, लेकिन यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था दम तोड़ती नजर आ रही है। इसका ताजा उनमूना शनिवार को जिला अस्पताल में देखने को मिला। जब यहां छलेरा के रहने वाले युसुफ अहमद शनिवार को अपनी बीमार बेटी को लेकर पहुंचे तो जिला अस्पताल में उनकी बेटी का इलाज नहीं हो सका। हद तो तब हो गई जब यहां के डॉक्टरों और कर्मचारियों ने उनके साथ बुरा सुलूक किया। इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे बीमार युवती कई घंटे के बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। लेकिन उन्हें किसी तरह की सुविधा नहीं दी गई। न तो उनके लिए एम्बुलेंस का इंतजाम किया गया और न ही किसी तरह से उनकी मदद की गई। इसके बाद बीमार युवती अपनी बीमारी से बेकरार होकर जमीन पर ही लेट गई। इसके बाद वहां मौजूद लोग भी इस दृश्य को देखकर सहम गए। दरअसल, बीमार युवती के पिता युसुफ एक हाथ से दिव्यांग है। इसलिए वह भी बेटी की मदद नहीं कर सका। जब इस मामले में अस्पताल के सीएमएस डॉ अजय अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में है और हमने जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि जो भी डॉक्टर और कर्मचारी इसमें दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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बीमार युवती पिता युसुफ ने बताया कि उनकी छह बेटियां और एक बेटी है। चौथे नंबर की 13 वर्षीय बेटी निशा परवीन को शुक्रवार शाम को उल्टी और दस्त होने लगी। इसके बाद शनिवार सुबह 7:30 बजे वह पत्नी नूरजहां के साथ बेटी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। लेकिन यहां इलाज की जगह पहले उन्हें घंटों इधर-उधर भटकाया गया। इसके बाद जब इलाज की बारी आई तो डॉक्टर और कर्मचारी आनाकानी करने लगे। तीन घंटे से भी ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद बेटी को इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया। इस दौरान एक ग्लूकोज की बोतल लगाकर छोड़ दिया गया। इस पर जब परिजनों ने वहां मौजूद डॉक्टर और नर्स से बेटी के हालत के बारे में पूछा तो मरीज को उन्हें अपनी बेटी को प्राइवेट अस्पताल में दिखाने की सलाह दी गई।

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वहीं, बीमार युवती की मां नूर जहां ने बताया कि जब उन्होंने अस्पताल के डॉक्टरों से मरीज की तबियत के बारे में पूछा तो डॉक्टर और कर्मचारी उनसे बदतमीजी करने लगे। इन लोगों ने कहा कि ज्यादा जल्दी है तो एंबुलेंस करके मरीज को निजी अस्पताल ले जाओ। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो अस्पताल के कर्मचारियों ने पीड़िता को अस्पताल के बाहर कर दिया। बीमार युवती की माता नूर जहां ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने मरीज को किसी दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस देने से भी मना कर दिया। जब उन्होंने हंगामा किया तो कर्मचारियों ने उसे दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।

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