ज्ञात हो कि शहर में यातायात का भार बहुत ज्यादा है। ऐसे में सड़कों के किनारे धूल भी सबसे ज्यादा उड़ती है। इससे प्रदूषण के स्तर में इजाफा हो रहा है। इसे पूरी तरह से समाप्त कर शहर को धूल मुक्त बनाया जाएगा। पहले चरण में सेक्टर-74, 75, 76, 77 के आसपास की सड़कों को चिन्हित किया गया है। यहां सड़कों के दोनों और लैंड स्केपिंग की जाएगी। इसमें देसी घास लगाई जाएगी। इसके अलावा फूल व शलभ भी लगाई जाएगी। प्रति किलोमीटर लैंड स्केपिंग के कार्य में 4 से 5 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। पहले चरण में कुल 25 किलोमीटर की सड़कों पर इस तरह का कार्य किया जाएगा। इसके बाद पूरे शहर व एमपी-01, 02, 03 में सड़कों को धूल मुक्त करने के लिए यहां भी लैंड स्केपिंग की जाएगी। योजना प्रभावी ढंग से कार्य करे इसके लिए एसीईओ के अध्यक्षता में 10 सदस्यीय समिति बनाई गई है। जिसमें परियोजना अभियंता से लेकर मुख्य अभियंता को शामिल किया गया है। 15 जनवरी को समिति की पहली बैठक होगी। जिसमें अधिकारी कार्य की पूर्ण योजना का प्रस्तुतिकरण देंगे। इस पर सैद्धांतिक मंजूरी दी जाएगी। इसके सप्ताह भर के अंदर जमीनी स्तर पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
सड़क से चार इंच नीचे की जाएगी लैंड स्केपिंग सड़कों के किनारों को धूल मुक्त करने के लिए लैंड स्केपिंग चार इंच नीचे की जाएगी, ताकि यहां बिल्कुल भी धूल न उड़े। इसके साथ ही जो धूल सड़क पर यातायात के चलते होगी वह सड़क के किनारों पर जमा न होकर वह लैंड स्केपिंग में मिल जाएगी। यहां मेकेनिकल स्पिंग भी की जाएगी। हालांकि बंगलुरू के अलावा हैदराबाद कुछ विकसित शहरों में भी इस तरह की लैंड स्केपिंग की गई है। इसी तर्ज पर यहां भी सड़कों को धूल मुक्त किया जाएगा।
बिछाई जाएगी कृत्रिम घास जिन सड़कों के किनारों पर स्थान हैं। यहां देसी घास लगाई जाएगी। इसके अलावा जिन सड़कों के किनारों पर कंकरीट के फुटपाथ बन चुके हैं। उनको तोड़ने की बजाए उन पर कृत्रिम घास लगाई जाएगी। जिससे उन सड़कों को भी धूल मुक्त किया जा सके। अधिकारियों के मुताबिक यह अभी शुरुआत है। इसके बाद पूरे शहर की सड़कों को धूल मुक्त किया जाएगा।
सड़कों के किनारे नहीं होगा अतिक्रमण इस योजना एक मक्सद शहर की सड़कों को अतिक्रमण मुक्त बनाना भी है। दरसअल, यहां अधिकांश रेहड़ी पटरी सड़कों के किनारे लगती हैं। लैंड स्केपिंग के बाद इस तरह के अतिक्रमण से निजात मिल जाएगी। सड़कों के किनारे घास व आकर्षित पौधे लगाने के बाद उनकी फेंसिंग की जाएगी, ताकि कोई मवेशी उनके अंदर न जा सके। जाहिर है इसके बाद सड़क किनारे रेहड़ी पटरी भी नहीं लग सकेंगी। इस बाबत जानकारी देते हुए अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी आरके मिश्रा ने बताया कि शहर को धूल मुक्त बनाने के लिए लैंड स्केपिंग की जाएगी। इसके लिए समिति बनाई गई है। 15 जनवरी को इसकी एक बैठक होगी। जिसमें अगली कार्ययोजना तैयार की जाएगी।