डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से कई राज्यों को फायदा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के शुरू होने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र को फायदा होगा। एक मालगाड़ी अभी तक एक बार में सिर्फ 5 हजार टन माल ढुलाई करती है, जबकि इस कॉरिडोर पर चलने वाली 500 डिब्बों की मालगाड़ी एक बार में 13 हजार टन माल लेकर जाएगी। इससे हरियाणा को भी फायदा होगा। हरियाणा के पानीपत और यमुनानगर में प्लाईवुड और मेटल की करीब दो हजार से ज्यादा इंडस्ट्री है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद का लोहा, बुलंदशहर के खुर्जा की पॉटरी, मेरठ का क्रिकेट गुड्स और किताबें, मुजफ्फरनगर का गुड़, सहारनपुर का फर्नीचर, अलीगढ़ और मुरादाबाद का पीतल देशभर में सप्लाई होता है।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर रेल लिंक लाइन पर सिर्फ मालगाड़ियां आएंगी। जो मालगाड़ियां सामान्य लाइन पर औसत 25 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलती हैं, वह नए कॉरिडोर पर 75 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी।
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क्या इतनी कठोर दिल हो सकती है मां? पति से झगड़े पर महिला ने अपनी बेटियों को दे दिया जहर कॉरिडोर बनने से होंगे ये फायदे प्रमुख रेल लाइनों से मालगाड़ियां हटाकर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर शिफ्ट कर दी जाएंगी। इससे सामान्य रेल लाइनों पर यातायात का दबाव कम होगा। रेल की माल ढुलाई सस्ती होने से सड़क रास्तों से माल ढुलाई में कमी आएगी। इससे सड़क हादसे भी कम होंगे।
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– ट्रेन को एक साथ तीन इंजन खींचेंगे
– माल की ढुलाई से खर्चों में बचत
– सामान्य रेल लाइन पर ट्रैफिक होगा कम