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पुलिस रिमांड में तथाकथित पत्रकारों ने खोले कई बड़े राज, नेताओं और भोजपुरी गायक को भी कर चुके हैं ब्लैकमेल

locationनोएडाPublished: Sep 01, 2019 12:02:49 pm

Submitted by:

lokesh verma

खास बातें-
पुलिस के हाथ लगे लाखों की ठगी और ब्लैकमेलिंग के सबूत
भोजपुरी गायक भरत शर्मा को भी बनाया था अपना शिकार
कुछ पुलिस अफसरों और कर्मचारियों पर भी गिर सकती है कार्रवाई की गाज

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नोएडा. फर्जी पत्रकारों की गिरफ्तारी के मामले में पुलिस भले ही सुशील पंडित को सरगना मान रही है, लेकिन चंदन राय के कारनामें भी कम नहीं हैं। चार फर्जी पत्रकारों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पांच दिन का रिमांड लेकर पूछताछ की। इनमें कई नए खुलासे भी हुए हैं। बताया जा रहा है कि कुछ पुलिस अफसरों और कर्मचारियों की भी भूमिका भी संदिग्ध है, जिस पर जांच की जा रही है।
सेक्टर-27 स्थित कैंप कार्यालय में शनिवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस में डीएम बीएन सिंह और एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त नीतीश पांडेय पुलिस न्यूजयूपीडॉटकॉम पोर्टल का संचालन करता है। पोर्टल का डोमेन सिद्धार्थ दुबे पुत्र रविन्द्र दुबे के नाम से पंजीकृत है। सिद्धार्थ और विक्रांत ने वर्ष-2011, 2012 और 2013 में नोएडा के गढ़ी गांव में पांच रजिस्ट्री के माध्यम से अपनी पत्नियों अनिता और ज्योत्स्ना दुबे के नाम से 1000 वर्गमीटर से अधिक जमीन खरीदी थी। वह जमीन वर्ष-2006 से ही नोएडा प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहित और कब्जा प्राप्त है। उस पर रविन्द्र दुबे का अवैध कब्जा था। उन्होंने बताया कि इस बात के सबूत उपलब्ध हैं कि वर्ष-2018 में नीतीश पांडेय ने चंदन राय के साथ मिलकर गढ़ी गांव के खसरा नंबर-17 में गढ़ी निवासी राम निवास को कब्जे से बेदखल कर रविन्द्र दुबे को कब्जा दिलवाया था, जिसमें स्थानीय पुलिस की भूमिका संदिग्ध लग रही है।
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डीएम और एसएसपी ने बताया कि अभियुक्त सुशील पंडित, रमन ठाकुर और उदित गोयल ने 30 जनवरी-2019 को थाना सेक्टर-20 के प्रभारी निरीक्षक मनोज पंत को कॉल सेंटर से संबंधित मुकदमे में अभियुक्त का नाम निकालने के लिए प्रेरित किया था। उसके एवज में 8 लाख रुपये लिए और 06 लाख रुपये खुद हड़प लिए। उस मामले में इन तीनों के खिलाफ थाना सेक्टर-20 में एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा गया था। उन्होंने बताया कि जमानत पर छूटने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक वकील डीके पाठक ने इन्हें सलाह दी थी कि तुम लोग एसएसपी के खिलाफ इतना दुष्प्रचार करो कि वे तुम्हारे आगे झुक जाएं और मुकदमे की पैरवी करना बंद कर दें, जिससे तुम्हारा केस खत्म हो जाएगा।
उन्होंने ने बताया कि अभियुक्त चंदन राय अपने सहयोगी राजेश राय और रोहित शर्मा के साथ मिलकर आम लोगों के लाइसेंस बनवाने, राजनीतिक नियुक्तियां करवाने के साथ ही पुलिस कर्मचारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर अवैध रूप से पैसे वसूली करता था। उन्होंने बताया कि अभियुक्त के मोबाइल फोन से तमाम ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जिससे यह बात साफ है कि इन लोगों ने फर्जी खबरें शेयर की और दुष्प्रचार किया। चंदन राय के फोन में एक ऑडियो उपलब्ध है, जिसमें वह अपने सहयोगी दलाल रोहित को स्पा सेंटर पर एलआईयू अधिकारी के रूप में जाकर अवैध रूप से धन वसूली की बातचीत कर रहा है। उसके फोन से मिले सबूतों से यह साफ है कि वह पुलिस अधिकारियों की दलाली में लिप्त है।
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जीडीए में मनोनीत पार्षद बनवाने के नाम पर की थी ठगी

चंदन राय ने गाजियाबाद निवासी हितेश त्यागी को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में मनोनीत पार्षद नियुक्त करवाने के नाम पर छह लाख रुपये की ठगी की है। पुलिस मीडिया न्यूज पोर्टल गाजियाबाद के वसुंधरा स्थित प्रमिला गुप्ता के मकान से संचालित हो रहा है। इस मकान पर चंदन राय ने अवैध कब्जा कर रखा है। इसके अलावा मनीष कुमार सिंह, प्रेम शंकर, अविनाश चंद और ऋषिपाल से आवास विकास में मकान आवंटन के नाम पर 11 लाख रुपये की ठगी की है।
भोजपुरी गायक को बनाया था अपना शिकार

इसके साथ एसएसपी ने बताया कि चंदन राय ने भोजपुरी गायक भरत शर्मा को सस्ते में इनोवा कार दिलाने के नाम पर लगभग छह लाख रुपये की ठगी की है। चंदन ने सिर्फ 84 हजार रुपये का आईटीआर भरा है, जबकि उसके कब्जे से फार्च्यूनर और आई-10 कार बरामद हुई है। उसका एक कार्यालय भी है, जिसमें चार कर्मचारी काम करते हैं। सभी की सेलरी 07 हजार रुपये मासिक है। चंदन और उसके परिवार के बैंक खातों में बड़ी रकम जमा कर निकाली गर्इ है। पहली नजर में यह आय से अधिक संपत्ति का मामला लग रहा है। यह जांच का विषय है। उन्होंने बताया कि चंदन राय वर्ष-2007 में वाहन चोरी के मामले में जेल जा चुका है।
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