बसपा का दामन थामकर कही ये बड़ी बात
दरअसल बसपा और सपा के गठबंधन के बाद कई राजनीतिक समीकरण बदलने लगे हैं। ताज़ा मामला गाजियाबाद का है। जहां साहिबाबाद के पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा ने एक बार फिर से बीएसपी का दामन थाम लिया है। शनिवार को बीएसपी और सपा की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस हुई, तो शाम को अमरपाल शर्मा ने भी बसपा का दामन थाम कर औपचारिक ऐलान कर दिया कि वह बसपा के साथ आ गये हैं। एेसे में संभावना जतार्इ जा रही है कि उन्हें २०१९ के लोकसभा चुनाव के लिए भी पार्टी टिकट दे सकती है। यह उनके लिए बसपा की तरफ से बड़ा गिफ्ट साबित होगा।
अब पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा ने आरोपों पर दिया यह जवाब
वहीं जब अमरपाल शर्मा से पूछा गया कि उन्होंने बीएसपी से निकाले जाने पर 5 करोड़ रुपए में टिकट बेचे का आरोप लगाया था।विधानसभा चुनाव के दौरान पूरे मीडिया के सामने बीएसपी पर चिल्ला चिल्लाकर आरोप लगाने वाले अमरपाल शर्मा ने कहा कि वह हमेशा बीएसपी के ही रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस का दामन कभी थामा ही नहीं। उन्होंने यह तक कह दिया कि उन्होंने बीएसपी या मायावती पर कोई आरोप नहीं लगाया। उनके आरोप नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर थे। बहरहाल अमरपाल शर्मा द्वारा जब यह घोषणा की जानी थी तो आखिर सपा और बसपा के गठबंधन के बाद ही घोषणा किस लिए की गई यह साफ तौर पर जाहिर है कि अमरपाल शर्मा भी लोकसभा चुनाव में ताल ठोकने के मूड में है।
विधानसभा चुनाव में बसपा पर लगाये थे आठ करोड़ रुपये की मांग का आरोप
वहीं बता दें कि 17 जनवरी 2017 को पूर्व बसपा विधायक अमरपाल शर्मा को बहुजन समाजवादी पार्टी ने निष्कासित कर दिया था। इसके कुछ ही घंटों बाद अमरपाल शर्मा ने एक बसपा पर टिकट के लिए करोड़ों की सौदेबाजी का आरोप लगाया था। उन्होंने बाकायदा प्रेस वार्ता कर बसपा सुप्रीमो मायावती पर जमकर हमला भी बोला था। विधायक ने कहा था कि जब उन्होंने टिकट के लिए रुपए नहीं दिये तो उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया। इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाया था कि तीन महीने पहले ही उनका टिकट काट दिया गया था। इसकी वजह उनसे आठ करोड़ रुपए की रकम मांगी गई थी। नोटबंदी के चलते ये रकम पांच करोड़ कर दी गई। जब वह नहीं दे पाये तो पार्टी से निष्काषित कर दिया गया। वहीं इसके बाद अमरपाल ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। लेकिन अब उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले फिर वापसी कर ली है।