उन्होंने बेरिकेटिंग तोड़कर प्राधिकरण के अंदर घुसने का प्रयास किया। इस किसानों और पुलिस के बीच टकराव के हालात बन गए। किसानों का पुलिस से संघर्ष हुआ। तीन महिलाओं समेत करीब दस लोग घायल हो गए। घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया है। हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने लाठीचार्ज से इनकार किया है। ये संघर्ष उस समय हुआ जब प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आंदोलनरत लोगों को फर्जी किसान कह दिया। ये लोग किसान नहीं हैं, बल्कि किसानों को बरगला रहे हैं। इसकी जानकारी मिलने पर दोपहर में किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। किसानों ने प्राधिकरण के बाहर लगी बेरिकेटिंग तोड़कर अंदर घुसने का प्रयास किया। इस दौरान उनका पुलिस से टकराव हो गया।
एसीपी विमल कुमार सिंह ने कहा है कि कोई बल प्रयोग नहीं किया गया। किसानों को समझा-बुझाकर शांत किया गया था। धरने को लेकर नोएडा अथॉरिटी की सीईओ के साथ किसानों की वार्ता कई बार उम्मीद बनीं। पुलिस प्रशासन को अलग-अलग किसान संगठनों ने इसके लिए ज्ञापन दिया। हालांकि, किसानों और अथॉरिटी के वार्ता नहीं हो सकी। वहीं अब ताजा संघर्ष के बाद अथॉरिटी के के खिलाफ किसान संगठनों में रोष बढ़ गया है।