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अखिलेश यादव ने चेताया, धनवानों के लिए किसानों को दांव पर लगा रही है भाजपा भारतीय किसान यूनियन (भानु) गुट के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह ने पत्रकार से चर्चा के दौरान 6 जनवरी को प्रदेश के सभी जिलों में ट्रैक्टर-ट्रॉली रैली निकालने का ऐलान किया है। उन्होंंने कहा है कि किसान इस दौरान रैली निकालते हुए जिला मुख्यालय का घेराव करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने राजधानी लखनऊ के आसपास के जिलों के किसानों से ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ लखनऊ कूच करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि अगर किसानों को राजधानी में प्रवेश से राेका जाए तो किसान वहीं बॉर्डर पर बैठ जाएं। बता दें कि 8 जनवरी को सभी जिलों के किसान अपने-अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर दिल्ली कूच करेंगे।
500 ट्रैक्टरों में सवार होकर धरने पर पहुंचे किसान उधर, बागपत के बड़ौत में चल रहे आंदोलन को चौगामा खाप ने भी अपना समर्थन दे दिया है। चौधरी कृषिपाल सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों किसान 500 से अधिक ट्रैक्टरों में सवार होकर बड़ौत पहुंचे। इस मौके पर एक पंचायत का आयोजन करते हुए आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया गया। किसानों ने ऐलान कि वह 26 जनवरी को लाल किले पर गणतंत्र दिवस की परेड करेंगे। इस दौरान देशखाप चौधरी सुरेंद्र सिंह, थांबेदार ब्रजपाल सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री इस समय बेहद डरे हुए हैं, क्योंकि उन्होंने देश के अन्नदाताओं का दिल दुखाया है। इस कारण अन्नदाता डेढ़ माह से सड़कों पर अपना हम मांग रहा है।
समिति गठित करने का सुझाव गौरतलब हो कि किसान संगठनों की सरकार के साथ हुई सातवें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही है। अब अगले दौर की बैठक 8 जनवरी को होनी है। किसान नेता कृषि कानून निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं। जबकि सरकार का कहना है कि वह कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी, हालांकि वह संशोधन को तैयार है। सूत्रों के अनुसार, सरकार कानूनों को निरस्त नहीं करने के रूख पर अडिग है और उसने इस विषय पर विचार के लिए समिति गठित करने का भी सुझाव दिया है।