दिल्ली-एनसीआर के सार्वजनिक व व्यवसायिक वाहन से जुड़े 51 संगठनों के हड़ताल पर जाने दौरान कई जगह हल्की हिंसा भी देखने को मिली। जिसमें कैब व ऑटो चालकों ने अपने ही साथियों को हड़ताल में शामिल नहीं होने पर पीट दिया। नोएडा व गाजियाबाद में जगह-जगह इस तरह की घटनाएं सामने आई। जिनमें ऑटो व कैब चालकों द्वारा इस हड़ताल में शामिल नहीं होने पर कई चालकों के साथ हिंसा कर वाहनों को नुकसान भी पहुंचाया गया।
हड़ताल की घोषणा के बाद बुधवार को ही कई स्कूलों ने नोटिफिकेशन जारी कर छुट्टी का ऐलान कर दिया था। हालांकि कई स्कूल खुले भी रहे। वहीं दफ्तर जाने वाले लोगों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि काम बंद कर हड़ताल करना अच्छा नहीं लगा, लेकिन सरकार ने ट्रांसपोर्टरों की कमर तोड़ दी है। मजबूरी में हमें ये कदम उठाना पड़ा। इस हड़ताल में बस, कैब, ऑटो, टैंपो, ट्रक आदि शामिल रहे।
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