अपने कैंप कार्यालय में शनिवार को हुई प्रेस कान्फ्रेंस में डीएम बीएन सिंह ने बताया कि डीपीएस, कैंब्रिज, खेतान, रेयान, फादर एग्नल और माडर्न स्कूल समेत कुल10 स्कूलों के खिलाफ अभिभावकों ने शिकायत की थी। शिकायत में मुख्य रूप से मनमानी फीस वृद्धि और डेस किताबें और दूसरी चीजों को अपने निर्धारित दुकान से खरीदने के लिए दबाव डालने की बात थी। उन्होंने बताया कि फीस वृद्धि के खिलाफ कई स्कूलों पर अभिभावकों ने प्रदर्शन भी किया। डीएम ने बताया कि कानून के तहत डिस्ट्रिक्ट फी रेगुलेटरी कमेटी का गठन किया गया है। इसके आदेश को न मानने का मतलब है कानून का उल्लंघन।
डीएम ने बताया कि एपीजे स्कूल के खिलाफ शिकायत मिली थी कि उसने मिड सेशन में फीस में बढ़ोत्तरी की है। डिस्ट्रिक्ट फी रेगुलेशन कमेटी ने शिकायत को सही पाया और स्कूल पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने के साथ ही फीस वृद्धि वापस लेने का आदेश दिया। लेकिन, स्कूल प्रबंधन ने आदेश का यह कहकर पालन नहीं किया कि वे हायर अथॉरिटी में अपील कर चुके हैं।
डीएम ने कहा कि हायर अथॉरिटी से कोई राहत न मिलने के बावजूद स्कूल प्रबंधन ने न तो जुर्माना अदा किया और न ही बढ़ी हुई फीस ही वापस ली। इसलिए उस पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाने के साथ ही रोल बैक का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि यदि स्कूल प्रबंधन इस आदेश का अनुपालन नहीं करेगा तो उसकी मान्यता रद्द करने की संस्तुति की जाएगी।
डीएम ने रेयान स्कूल पर और सख्ती दिखाते हुए बताया कि सिटी मजिस्ट्रेट को रेयान के प्रिंसिपल और दूसरे जिम्मेदार लोगों के खिलाफ शांतिभंग की धारा-107/16 के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा कैंब्रिज स्कूल और रेयान स्कूल पर भी एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। हालांकि रेयान के खिलाफ किए गए आदेश को दो दिनों के लिए निलंबित किया गया है।
डीएम ने साफ किया कि कानून के हिसाब से कोई भी स्कूल पांच फीसदी और सीपीआई से अधिक फीस में वृद्धि नहीं कर सकता है। ऐसा करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी स्कूल प्रबंधनों और अभिभावकों से कहा है कि वे कानून के दायरे में ही रहकर कार्य करें। स्कूलों को यह ताकीद की है कि वे किसी भी अभिभावक को निर्धारित स्थान से किताबें, ड्रेस, शूज या अन्य सामान खरीदने का दबाव न डालें।