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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पत्नियों की ऐसी जिद पर पति ले सकते हैं तलाक

locationनोएडाPublished: Oct 07, 2016 08:38:00 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि पति को उसके मां-बाप से अलग रहने के लिए मजबूर किया जाता है तो ये तलाक का आधार हो सकता है।

Supreme Court

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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि पति को उसके मां-बाप से अलग रहने के लिए मजबूर किया जाता है तो ये तलाक का आधार हो सकता है। साथ ही अगर पत्नी बार-बार सुसाइड की धमकी देती हो तो इसके आधार पर भी तलाक लिया जा सकता है। कोर्ट ने इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट के एक आदेश को रद्द करते हुए फैसला सुनाया है।
पति सुकून महसूस नहीं कर सकता

कर्नाटक हाईकोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को रद्द कर दिया था, जिसमें निचली अदालत ने बार-बार खुदकुशी की धमकी देने को अत्याचार मानते हुए तलाक की इजाजत दे दी थी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि पति को अगर पत्नी बार-बार सुसाइड करने की धमकी दे तो ऐसे हालात में वह सुकून महसूस नहीं कर सकता। अगर पत्नी आत्महत्या कर लेती है तो पति की पूरी जिंदगी तबाह हो सकती है।
अलग होने के लिए ठोस कारण जरूरी

कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा है कि साधारण परिस्थिति में पत्नी शादी के बाद पति के परिवार के साथ रहती है। पत्नी अलग रहने को कहती है तो उसका कोई ठोस कारण होना चाहिए।
अलग रहने की जिद अत्याचार

कोर्ट ने कहा कि पत्नी की यह जिद निराधार है कि वह अपने पति के साथ अकेले रहना चाहती है। पत्नी ऐसा करती है तो उसे अत्याचार माना जाएगा और यह तलाक का आधार होगा।
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