मनमानी पर ऐसे लगेगी रोक सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की मीटिंग में (शुल्क का विनियमन) निजी स्कूलों
अध्यादेश को 9 अप्रैल 2018 को मंजूरी दी थी। यह कानून अगस्त में लागू किया गया। जिसके तहत 2015—16 को आधार मानते हुए 2018—19 से फीस लागू करनी है। इसके तहत अब निजी स्कूल अतिरिक्त फीस नहीं वसूल सकते है। निजी स्कूलों को जिला प्रशासन ने नवंबर में मीटिंग कर फीस को लेकर नियमों का पालन करने के निर्देश दिए थे। इसके तहत नियम का पालन न करने वाले स्कूलों पर प्रशासन की तरफ से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इन स्कूलों ने कम की फीस डीएम बीएन सिंह ने फीस रिवाइज को लेकर स्कूलों प्रबंधकों और पैरेंट्स असोसिएशन के साथ मीटिंग की थी। उसके बाद भी स्कूलों ने फीस कम नहीं की थी। जिला प्रशासन ने स्कूलों के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए 14 स्कूलों को नोटिस जारी किया था। प्रशासन की सख्ती का असर स्कूल प्रबंधकों पर दिखाई दिया। नोएडा के कैंब्रिज व बाल भारती स्कूल ने फीस कम की है। डीआईआएस प्रवीण कुमार उपाध्याय ने बताया कि कैंब्रिज स्कूल प्रत्येक छात्र की 17 हजार रुपये फीस कम की है। यह फीस 2018-19 सत्र के लिए कम की गई है। उन्होंने बताया कि 2019-20 सत्र में प्रत्येक छात्र की फीस एडजेस्ट कर दी जाएगी। कैंब्रिज के साथ-साथ बाल भारती स्कूल भी फीस को एडजेस्ट किया है। डीआईओएस के अनुसार नोएडा के दोनों स्कूलों ने बच्चों के अभिभावकों से वसूली अतिरिक्त कम कर राहत दी है।
जल्द ही अन्य स्कूलों भी कर सकते है फीस एडजेस्ट डीआईआएस प्रवीण कुमार उपाध्याय ने बताया कि शुल्क का विनियमन कानून लागू होने के बाद निजी स्कूलों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि दोनों स्कूलों ने छात्रों के पैरेंट्स से वसूली गई करीब 6 करोड़ रुपये अगले महीनों की फीस में एडजेस्ट की गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि अन्य स्कूल भी बढ़ी फीस को एडजेस्ट करेंगे। प्रशासन और अभिभावक के बीच में जनवरी में फीस रेगुलेशन एक्ट को लेकर मीटिंग बुलाई गई है।
पैरेंट्स असोसिएशन संघ की माने तो बड़े-बड़े निजी स्कूल हर माह 5 से 10 हजार रुपये तक फीस वसूलते है। गौतम बुद्ध नगर पैरेंट्रस असोसिएशन की सदस्य नीति सिंह ने बताया कि फीस कम होने से काफी राहत पैरेंट्स को मिल जाएगी। फीस रिवाइज के बाद औसतन हर माह बड़े स्कूलों में टयूशन फीस तीन हजार रुपये के आसपास चुकानी होगी।