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Ground Report: रात-दिन जागने वाला शहर नोएडा शांत, रफ्ता-रफ्ता पटरी पर लौट रही जिदंगी

locationनोएडाPublished: May 25, 2021 07:09:35 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

थमने लगा कोरोना का कहर। फिर से रौनक का इंतजार। कोरोना के मामलों में तेजी से कमी दर्ज की गई है।

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राहुल चौहान

नोएडा. यूपी के सबसे हाइटेक शहर नोएडा (noida city)। हर प्रांत के लोग यहां रहते हैं। कोई पढ़ने आया है तो कोई नौकरी करने। लेकिन रात-दिन जागने वाला यह शहर अभी शांत है। कहीं कोई विशेष चहल पहल नहीं। मेट्रो स्टेशन बंद, माल और रेस्त्रा बंद हैं। कोरोना संक्रमण (coronavirus) की दूसरी लहर की जब मार जब पड़ी तो आधा शहर वीरान हो गया। लोग अपने गांव-घर लौट गए। अब जब कोरोना का कहर कुछ थमता नजर आ रहा तब जिंदगी यहां पटरी पर लौटती दिख रही है। एक बुरा दौर देखने के बाद अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की उपलब्धता है। कोरोना संक्रमण का आंकड़ा भी प्रतिदिन 100 से नीचे आ गया है। हालांकि, अभी कोरोना कफ्र्यू के चलते लोग अपने घरों में ही कैद हैं।
नोएडा में सोमवार को 69 मरीजों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। इस दौरान तीन की मौत भी हुई है। वहीं, 506 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। फिलहाल 3732 मरीजों का उपचार अलग-अलग अस्पतालों और होम आइसोलेशन में हैं। कोरोना की दूसरी लहर ने गौतमबुद्ध नगर जिले में जमकर कहर बरपा। बेड की कमी और ऑक्सीजन सिलेंडर न मिलने से इलाज के अभाव में दर्जनों ने दम तोड़ दिया। हालांकि धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हुई और अब जीवन पटरी पर लौटने लगा है।
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स्कूल-कॉलेज में एडमिशन का इंतजार

कोरोना संक्रमण के कारण परीक्षा स्थगित कर दी गई हैं। जिसके चलते अभी बच्चों को स्कूल-कॉलेज खुलने का इंतजार है। हालांकि अभी स्थिति के मद्देनजर पेरेंट्स भी अपने बच्चों को स्कूल-कॉलेज भेजने को तैयार नहीं हैं। उनका मानना है कि जिस तरह के हालात हैं, ऐसे में बेहतर है कि फिलहाल बच्चों को स्कूल न बुलाया जाए। क्योंकि दावा है कि अभी कोरोना का तीसरी लहर भी भारत में आएगी, जो बच्चों को अपनी चपेट में लेगी।
बच्चों के लिए 100 आईसीयू बेड की तैयारी

कोरोना वायरस की तीसरी लहर से पहले सेक्टर-30 स्थित चाइलड पीजीआई में बच्चों के लिए 100 आईसीयू बेड की तैयारी की गई है। जिला अस्पताल में पीडियाट्रिक आईसीयू बेड की संख्या बढ़ाने का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है। 100 आईसीयू बेड अन्य सरकारी अस्पताल में भी तैयार किए जाएंगे। जिले में बच्चों के लिए सरकारी आईसीयू बेड की संख्या 200 होगी।
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रेस्त्रां खुले तो दफ्तर अब भी बंद

रेस्त्रां खोलने की अनुमति जिला प्रशासन ने दी है। लेकिन अभी सिर्फ होम डिलिवरी की जा रही है। डाइनिंग पर पूरी तरह से रोक है। ज्यादातर दफ्तर कोरोना के चलते बंद हैं। कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम किया है। कुछ कंपनियां कोविड प्रोटोकोल के तहत खुली भी हैं। ज्यादातर फैक्ट्रियां कच्चा माल नहीं मिलने व कर्मचारियों के गांव चले जाने के कारण भी बंद हैं।
मेट्रो बंद तो ओला-उबर चालू

एनएमआरसी ने अभी मेट्रो संचालन बंद किया है। ओला-उबर ही सफर करने का सहारा है। लोकल ऑटो व ई-रिक्शा से भी लोग सफर कर रहे हैं। लोग कैब से सफर करना ज्यादा सुरक्षित समझ रहे हैं।
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