इस बाबत जानकारी देते हुए शराब व्यवसायी पवन बंसल ने बताया कि 2018 सिंडिकेट तोड़ते हुए लोगों को रोजगार देने के उदेश्य से सरकार ने ड्रॉ के जरिए शराब व बीयर की दुकानों का आवंटन किया गया। इस बीच 2020 में कोरोना महामारी के चलते शराब व्यवसाियों की स्थिति खराब है। गौतमबुद्ध नगर से करीब 5 लाख मजदूर व अन्य लोग पलायन कर चुके हैं। उधर, कोटा प्रणाली से बिक्री करना संभव नहीं है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने राजस्व प्राप्त करने के लिए सभी शराब व बीयर की दुकानों पर कोटा तय किया गया है। जिसके तहत प्रत्येक दुकानदार को बिक्री दिखानी पड़ती थी। लेकिन, जिस तरह से जनपद से लोगों का पलायन हुआ है, उस स्थिति में कोटा पूरा करना संभव नहीं है। हम सरकार से मांग करते हैं कि कोटा सिस्टम खत्म हो और जितने दिन दुकान बंद रही है, उसकी लाइसेंस फीस वापस की जाए। अगर सरकार ऐसा नहीं करती तो हम भी भूखमरी की कगार पर आ जाएगी।
उधर, सेक्टर-135 अंग्रेजी शराब की दुकान के संचालक रविंद्र चौहान ने बताया कि कोरोना के चलते पूरा देश प्रभावित हो रहा है। इस बीच हमारी दुकानों को भी सरकार द्वारा बंद रखा गया। जिसके चलते हमें भी काफी नुकसान का सामना करना पडा है। ऐसी स्थिति में सरकार से हमारी मांग है कि शराब व्यवसायियों की भी सहायता करने हेतु कदम उठाए जाएं। इसके चलते गौतमबुद्ध नगर के सभी शराब व बीयर व्यवसायियों ने मुख्यमंत्री योगी को ज्ञापन सौंपकर मदद की गुहार लगाई है।