पुलिस की गिरफ्त खड़ा सोनू चौहान ने सुशीला की हत्या की है। सूरजपुर पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एसएसपी ने इस बात का खुलासा किया। ग्रेटर नोएडा के बिसरख कोतवाली एरिया के अजनारा होम्स सोसायटी का है जहां बीते 20 जनवरी की रात को फ्लैट नंबर 907 में सुशीला का शव मिला था। एसएसपी ने बताया कि सुशीला और सोनू के साथ दिल्ली में तीन साल तक लिव इन रिलेशनशिप में रही थी। सुशीला संबंध बनाने के आड़ सोनू चौहान को ब्लैकमेल कर रही थी और मोटी रकम वसूल रही थी, नहीं देने पर उसको मुकदमे में फंसाने की धमकी देती थी। हत्या के दौरान फ्लैट से मिली चाबी से पुलिस ने आरोपित की पहचान की थी। सुशीला के परिजन ने आरोपित सोनू पर शक जाहिर किया था। घटना के दौरान फ्लैट से मिले साक्ष्य ने परिजन के शक को यकीन में तब्दील कर दिया। बिसरख कोतवाली प्रभारी अनिल शाही की टीम ने मुखबिर की पर तिगरी गोलचक्कर से बुधवार सुबह आरोपित सोनू चौहान को गिरफ्तार किया गया। सोनू के कब्जे से हत्या में इस्तेमाल की गई चाकू, मोटरसाइकिल, खून से लथपथ जींस और युवती का मोबाइल बरामद किया गया है।
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि पूछताछ में ये भी पता चला है कि सुशीला की नौकरी दिल्ली में सोनू ने लगवाई थी। इसके बाद से दोनों करीब आ गए थे और दोनों लिव इन में रहने लगे। तीन साल तक दोनों दिल्ली में अलग-अलग जगह किराए पर रहे। कुछ दिन पहले जब सुशीला की नौकरी छूट गई थी तो उसकी बहन ने उसको ग्रेटर नोएडा के अजनारा होम्स सोसायटी बुला लिया था। सोसायटी में सुशीला की बहन अपने पति व भाई के साथ रहती है। सोनू के मुताबिक सुशीला व उसके परिजन ने प्लॉट खरीदने सहित कई अलग-अलग बहाने बनाकर उससे दस लाख रुपये की वसूली की थी। रुपये नहीं देने पर उसको फंसाने की धमकी दी जाती थी। रुपये वसूली से तंग आकर उसने सुशीला की हत्या की योजना तैयार की और बीते रविवार रात हत्या को अंजाम दिया।
हत्याकांड के दिन सोनू ह्त्या के मकसद से अजनारा होम्स सोसायटी में दाखिल हुआ था तो उसने सचिन नाम से सोसायटी के रजिस्टर में एंट्री की थी। एंट्री करते दौरान उसने फ्लैट नंबर जी 907 लिखा था। सोसायटी में हर फ्लोर पर कैमरा नहीं लगा है। इससे आरोपित को उम्मीद थी कि वह हत्या करने के बाद पकड़ा नहीं जाएगा। लेकिन गेट पर लगे कैमरे से वह नहीं बच सका।