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पर्यावरणविद् विक्रांत तौंगड़ का कहना है कि जिले में लगातार हो रहे भूजल के अवैध दोहन के कारण पानी का स्तर कम होता जा रहा है और यदि अभी भी इसपर लगाम नहीं लगी तो इससे आने वाले समय में इन लोगों को पानी की खासी समस्या हो सकती है। क्या कहते हैं आंकड़े आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार नोएडा में 2013 में औसतन भूजलस्तर 17.78 मीटर था जो कि 2017 के अंत में यह 24.13 मीटर हो गया। यानि गत चार वर्षों में भूजलस्तर 6.35 मीटर नीचे गया है। इसी तरह ग्रेटर नोएडा में भी चार वर्षों में पानी का स्तर 3.61 मीटर नीचे चला गया है। वहीं बिसरख ब्लॉक में बिल्डरों द्वारा ग्राउंड वॉटर निकालकर बनाए गए बेसमेंट से पिछले 4 साल में पानी का स्तर 5.24 मीटर नीचे पहुंच गया है।
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जिले में हो रही अवैध गतिविधियां पर्यावरणद् विक्रांत तौंगड़ ने बताया कि एनजीटी के आदेशों के बाद भी जिले में भूजल का दोहन अवैध रूप से चल रहा है जो कि रुक नहीं पा रहा है। जिसके चलते जिले में लगातार ग्राउंड वॉटर लेवल साल दर साल घटता जा रहा है। अगर भी भी बिल्डरों की ओर से किए जाने वाले भूजल दोहन और अवैध बोतलबंद पानी के व्यापार पर लगाम नहीं लगाई गई तो स्थिति दिल्ली, गुड़गांव और फरीदाबाद जैसी हो जाएगी और लोगों को पानी की किल्लत होने लगेगी। इस बाबत जिले के डीएम बी.एन सिंह ने बताया कि भूजल को बचाने के लिए लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही पानी के अवैध दोहन के खिलाफ भी कार्रवाई की जाती है। 4 साल पहले और अब जिले में भूजल की स्थिति (आंकड़ा मीटर में) इलाका 2013 2017 गिरावट
नोएडा 17.78 24.13 6.35
ग्रेटर नोएडा 7.50 11.11 3.61
ग्रेनो वेस्ट 4.18 9.42 5.24
दनकौर ब्लॉक 5.51 7.46 1.95
जेवर ब्लॉक 2.79 5.60 2.81
दादरी ब्लॉक 2.27 6.26 3.99
नोएडा 17.78 24.13 6.35
ग्रेटर नोएडा 7.50 11.11 3.61
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दनकौर ब्लॉक 5.51 7.46 1.95
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