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खतराः इस हरी सब्जी का अद्भुत व अविश्वसनीय सच जानकर आप रह जाएंगे हैरान

locationनोएडाPublished: Jul 25, 2018 05:54:18 pm

Submitted by:

Nitin Sharma

हरी सब्ज़ी के फायदे और नुकसान : घातक आैर जानलेवा साबित हो सकती है सब्जी, इन चीजों में खतरा ज्यादा

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खतराः इस हरी सब्जी का अद्भुत व अविश्वसनीय सच जानकर आप रह जाएंगे हैरान

नोएडा।हर मां-बाप बच्चों को हरी सब्जी खाने के लिए प्रेरित करते है करें भी क्यों न इनमें सबसे ज्यादा प्रोटिन आैर आयरन समेत तमाम फायदे जो बताये जाते है, लेकिन एक हरी सब्जी एेसी भी है।जिसे खाने से आप की जान को खतरा हो सकता है।इतना ही नहीं इस सब्जी को कच्चा खाना बहुत ज्यादा खतरनाक है।अगर आप भी जानना चाहते है कि यह कौन सी सब्जी है।क्यों इतनी घातक आैर जानलेवा साबित हो सकती है, तो आगे पढ़ें खबर।

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इसमें सबसे ज्यादा मिलती है शिकायत

दरअसल, हम बात कर रहे है हरी सब्जियों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली पत्ता गाेभी की।इसकी वजह पत्ता गोभी में टेपवर्म नाम का कीड़ा पाया जाता है।वैसे यह टेपवर्म पालक समेत मिट्टी में होने वाली कर्इ सब्जियों में पाया जाता है, लेकिन सब्जियों के पक्कने के बाद यह खत्म हो जाता है। वहीं पत्ता गोभी को अक्सर लोग चाउमीन, मोमोज, बर्गर समेत कर्इ एेसे फूड आइटम में जिनमें कच्चा इस्तेमाल करते है, जिसके चलते यह टेपवर्म इस सब्जी में रहता है।यह इतना पतला आैर सुक्ष्म रहता है कि जल्दी से दिखार्इ नहीं देता।वहीं, खाने के साथ अंदर जाकर यह बड़ी समस्या ही नहीं जान भी ले सकता है। दिल्ली एनसीआर के गुरुग्राम में हाल में एक एेसा मामला सामने आया है।जहां आठ साल की बच्ची के सिर में एक या दो नहीं बल्कि सौ से ज्यादा टेपवर्म मिले है। इससे बच्ची की हालत गंभीर बनी हुर्इ है। उसके दिमाग में सूजन है, जिसका इलाज किया जा रहा है।

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जानिए क्या है टेपवर्म

टेपवर्म एक तरह का पैरासाइट है।ये अपने पोषण के लिए दूसरों पर आश्रित रहने वाला जीव है।इसलिए यह खाने के सामान के साथ शरीर के अंदर चला जाता है। ताकि उसे खाना मिल सके।इतना ही नहीं टेपवर्म की करीब 5000 से ज़्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। ये एक मिमी से 15 मीटर तक लंबे हो सकते हैं।यह अंग से चिपका रहता है।शरीर पर मौजूद क्यूटिकिल की मदद से यह अपना भोजन लेता है।यह पचा-पचाया भोजन ही लेते हैं।

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एेसे फैलता है टेपवर्म शरीर में इस जगह बना लेता है घर

टेपवर्म रिबन के जैसी संरचना वाला होता है।यह फीताकृमि का अंडा शरीर में प्रवेश कर जाता है। तो यह आंत में अपना घर बना लेता है।इतना ही नहीं यह खून के साथ शरीर में इधर उधर चला जाता है। जैसे कर्इ बार यह खून के प्रवाह से आंत से आंखों आैर दिमाग में भी पहुंच जाता है।लेकिन कई बार ये शरीर के कुछ अति-संवेदनशील अंगों में पहुंच जाता है।इससे खतरा हो सकता है।इसे नजरअंदाज करना जान लेवा साबित हो सकता है।वहीं सीनियर डाॅक्टर एनके शर्मा कि माने तो इसका इलाज भी मुमकिन है।

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एनसीआर में सामने आया एेसा मामला, टेपवर्म की वजह से बच्ची को पड़ने लगे दौर

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार गुरुग्राम के एक प्राइवेट अस्पताल में हाल ही एक आठ साल की बच्ची का उपचार किया गया है।दरअसल बच्ची को छह माह पहले अचानक ही सिर में दर्द की शिकायत होने लगी।माता-पिता ने उसे कर्इ जगह दिखाया।वहीं उसकी तबियत आैर बिगड़ती चली गर्इ।इतना ही नहीं सिर दर्द के साथ बच्ची काे दौरे पड़ने लगे।जिसके बाद उसके परिजन बच्ची को बेहोशी की हालत में गुरुग्राम के एक प्राइवेट अस्पताल में लेकर पहुंचे।यहां डाॅक्टर ने बच्ची के सिर का सिटी स्कैन कराया।इसमें उसे न्यूरोसिस्टिसेरसोसिस से पीड़ित पाया गया। वहीं डाॅक्टर ने बताया कि उसके दिमाग में सौ से ज्यादा टेपवर्म के अंडे जमा था। इनके दबाव से उसके सिर में दर्द आैर दौरे की समस्या शुरू हो गर्इ थी।उसके दिमाग पर बहुत अधिक प्रेशर बढ़ चुका था। इतना ही नहीं दिमाग ने काम करना लगभग बंद कर दिया था।जिसके बाद डाॅक्टरों ने दवार्इ देकर बच्ची का इलाज कम करने के साथ ही प्रेशर को किया।डाॅक्टर की माने तो इलाज चल रहा है।जल्द ही बच्ची सही हो जाएगी।

कच्ची आैर अधपकी सब्जी खाने से शरीर में चला जाता है यह

-कच्चा या अधपकी सब्जी या मांस में टेपवर्म का लार्वा उनमें पूरी तरह समाप्त नहीं होता। इसकी वजह से कच्चा खाने से यह टेपवर्म शरीर में चले जाते है।
-गंदा पानी-पीने से भी हो सकता है।
-पत्ता गोभी या पालक को कच्चा खाने से टेपवर्म शरीर में पहुंच सकता है। इसकी वजह इनका मिट्टी में होना आैर अच्छे से साफ करके न खाना भी हो सकता है।

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