दरअसल, नोएडा से 40 स्थानों के लिए एयर ट्रेवल शुरू करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए सेक्टर-151ए में बनने वाले हेलीपोर्ट से यह सुविधा मिलेगी। इसके बाद जिले के 500 किमी के दायरे में आने वाले धार्मिक-पर्यटन स्थलों का भ्रमण लोगों के लिए आसान होगा। धार्मिक स्थलों की यात्रा हेलीकॉप्टर (एंड टू एंड एयर ट्रेवल) से की जा सकेगी। इसमें किसी अन्य साधन का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा। शासन के लिए इसका प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। हेलीपोर्ट पर 12 यात्रियों वाले 6 और 32 यात्रियों वाले दो हेलीकॉप्टर मिलेंगे। इनमें एमआई 172 जैसे हेलीकॉप्टर होंगे।
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नए संसद भवन सेंट्रल विस्टा में संस्कृत भाषा में लिखे जाएंगे राजनेताओं के नाम और पदनाम हेलीपोर्ट की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट, बिड दस्तावेज को मंजूरी हेलीपोर्ट की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट, बिड दस्तावेज और कंसेशन एग्रीमेंट की मंजूरी मिल गई है। लेकिन, मामला अभी वित्त विभाग के पास अटका हुआ है। उम्मीद है कि वहां से हरी झंडी मिलने की औपचारिकता जल्द ही पूरी हो जाएगी। चयनित कंपनी को 30 साल तक का कांट्रेक्ट दिया जाएगा। योजना पीपीपी पर आधारित होगी। इसमें जमीन प्राधिकरण की होगी और निवेश चयनित कंपनी करेगी। कमाई में नोएडा प्राधिकरण का भी शेयर होगा। इसमें शुरुआती चरण में पवन हंस कंपनी के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। बिड फाइनल होने के बाद एक साल में काम पूरा करना होगा।
विदेशों से गोल्फ खेलने वालों को मिलेगी राहत बता दें कि गोल्फ कोर्स खेलने के लिए इस समय चीन और कोरिया से जाते हैं। अगर हेलीपोर्ट की सुविधा शुरू हो गई तो यहां पर दूसरे देशों से भी लोग गोल्फ कोर्स में आ सकते हैं। इसके लिए वह दिल्ली या नोएडा एयरपोर्ट उतर सकते हैं। लोग हेलीकॉप्टर के माध्यम से सीधे गोल्फ कोर्स पहुंच सकेंंगे।
500 किलोमीटर के धार्मिक स्थल दायरे में 500 किलोमीटर तक के धार्मिक स्थलों के लिए योजना तैयार की गई है। इस सुविधा का लाभ जिले के साथ दिल्ली-एनसीआर के लोग भी ले सकेंगे। कनेक्टिंग हेलीपोर्ट से चार धाम की यात्रा भी की जा सकेगी। बदरीनाथ, केदारनाथ, देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, मसूरी समेत कई दर्शनीय स्थलों पर जाने का मौका मिलेगा। जहां-जहां हेलीपोर्ट की सुविधा होगी, वहीं से कनेक्टिविटी बनाई जाएगी।