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प्रवासी मजदूरों की मदद को भेजा हजारों पैकेट खाना, टिकैत बोले- ये अन्नदाता का धर्म है

locationनोएडाPublished: Apr 21, 2021 07:23:39 pm

Submitted by:

Navneet Sharma

हजारों की संख्या प्रवासी मजदूर अपने गांव को लौट रहे हैं, रेलवे स्टेशन और बस स्टेशनों पर भीड़ लग रही है, किसान लगातार हजारों पैकेट खाना प्रवासी मजदूरों के लिए भेज रहे हैं

प्रवासी मजदूरों की मदद को भेजा हजारों पैकेट खाना, टिकैत बोले- ये अन्नदाता का धर्म है

प्रवासी मजदूरों की मदद को भेजा हजारों पैकेट खाना, टिकैत बोले- ये अन्नदाता का धर्म है

गाजियाबाद. जनपद के यूपी गेट बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों ने बस डिपो और रेलवे स्टेशन पर मौजूद प्रवासी लोगों के लिए हजारों खाने के पैकेट भिजवाए हैं। इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा किसान अन्नदाता हैं, इसलिए लोगों को खाना मुहैया कराना उनका धर्म है। दरअसल, दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा के बाद दूरदराज के लोग बड़ी संख्या में रेलवे स्टेशन और आनंद विहार एवं कौशांबी बस स्टैंड पर पहुंच रहे हैं। इन सभी लोगों के लिए भारतीय किसान यूनियन ने हजारों की संख्या में खाने के पैकेट भिजवाए हैं।
राकेश टिकैत का कहना है एकाएक दिल्ली में जिस तरह से लॉकडाउन की घोषणा की गई है। इससे दूरदराज के वह लोग जो यहां रह कर अपने परिवार का लालन पालन कर रहे हैं, उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसलिए दूरदराज के लोगों ने अपने गंतव्य पर जाना शुरू कर दिया है। जिसके कारण रेलवे स्टेशन और बस डिपो पर बड़ी भीड़ एकत्र हो गई है। ऐसे लोगों को आज किसान यूनियन के लोगों ने धरना स्थल पर चल रही रसोई में बने खाने के हजारों की संख्या में खाने के पैकेट बनवा कर भिजवाए हैं।
उन्होंने कहा कि किसान को हमेशा अन्नदाता कहा जाता है और ऐसे लोगों को खाना मुहैया कराना किसानों का धर्म है। भले ही वह आज अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं, लेकिन दूरदराज के लोगों को खाना मुहैया कराना उनका धर्म है। हजारों की संख्या में खाने के पैकेट बॉर्डर पर चल रही रसोई के अंदर तैयार किए गए हैं और आगे भी लगातार इन लोगों को भोजन पहुंचाया जाएगा।
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