स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस बात की पूरी संभावना है कि प्रदेश में सांप्रदायिक दंगे कराए जाएं, जिससे वोटों का ध्रुवीकरण किया जा सके। उन्होंने कहा कि हिन्दुआें को आरएसएस जैसे संगठनों से सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिन्दू हितों का सबसे ज्यादा नुकसान इन संगठनों की गतिविधियों की वजह से ही होता है। चक्रपाणि ने कहा कि हिन्दू महासभा आरएसएस की इस साजिश का खुलासा करने के लिए पूरे प्रदेश में 9 जुलाई से जागरूकता अभियान चलाएगी। इसके तहत पूरे प्रदेश में जगह-जगह जाकर गोष्ठी, सभाओं के माध्यम से लोगों को आरएसएस की असलियत से रूबरू कराया जाएगा।
आरएसएस है राजनीतिक संगठन
हिन्दू महासभा के अध्यक्ष ने कहा कि आरएसएस खुद को सांस्कृतिक संगठन होने की बात कहता है, लेकिन सच्चाई यह है कि वह एक राजनीतिक संगठन है। उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी हर राय के लिए आरएसएस की ओर देखती है और बीच-बीच में आरएसएस के कार्यकर्ता राममाधव की तरह आरएसएस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो जाते हैं। इतना ही नहीं, कहने को आरएसएस के प्रचारक लोग चुनाव के समय बीजेपी में दरवाजा खटखटाते देखे जाते हैं, जिससे आरएसएस की असलियत पता चल जाती है। उन्होंने कहा कि आरएसएस को अपनी छवि साफ करनी चाहिए, जिससे लोग उसकी सही पहचान कर सकें।
हिन्दुस्तान बना गौ मांस का सबसे बड़ा निर्यातक उन्होंने कहा कि आरएसएस और बीजेपी की सत्ता होते हुए भी हिन्दुस्तान गाय के मांस का सबसे बड़ा निर्यातक बन गया और उसी के राज्य में सबसे ज्यादा गौ हत्याएं हो रही हैं, लेकिन इस मामले पर संघ पूरी तरह से मौन है, जो यह साबित करता है कि उसकी कथनी-करनी में फर्क है। उन्होंने कहा कि सत्ता में आते ही संघ और बीजेपी के अजेंडे से राम मन्दिर मुद्दा गायब हो जाता है। इससे यही साबित होता है कि राम मन्दिर मुद्दा आरएसएस भाजपा के लिए सत्ता प्राप्त करने का एक साधन मात्र है, इससे ज्यादा कुछ नहीं।