20 मार्च को है होलिका दहन सेक्टर-44 में रहने वाले पंडित रामप्रवेश तिवारी का कहना है कि इस बार होलिका दहन 20 मार्च को है। पूजन हमेशा उत्तरा फाल्गुनी के शुभ योग में करना चाहिए। 20 मार्च यानी बुधवार को सुबह 10.44 से भद्रा काल प्रारंभ हो जाएगा, जो बुधवार रात 8.59 तक रहेगा। इस समय पूजा नहीं करनी चाहिए। उनका कहना है कि रात 8.59 के बाद 9 बजे से शुभ महूर्त शुरू होगा। रात 12.31 मिनट तक शुभ मुहूर्त में पूजा करना फायदेमंद रहेगा। इसके अलावा रात 3.54 से 4.54 तक भी पूजन किया जा सकता है। उनका कहना है कि प्रदोष व्यापिनी फाल्गुन पूर्णिमा के दिन निशा मुख में होलिका दहन फलदायक होता है। उनका कहना है कि भद्रा रहित समय में होलिका दहन करना शुभ रहता है।
ऐसे करें पूजा पंडित रामप्रवेश तिवारी ने कहा कि होलिका दहन से पहले होली की पूजा की जाती है। इसके लिए होलिका के पास पूर्व या उत्तर दिशा की मुंह करके बैठ जाना चाहिए। इसके बाद होली की पूजा करनी चाहिए। उपलिया की माला को होलिका को समर्पित करनी चाहिए। कच्चा सूत लेकर होली की तीन या सात बार परिक्रमा करें। फिर लोटे का शुद्ध जल और पूजन सामग्री होलिका को समर्पित कर दें। इसके बाद विधि-विधान से पूजन करें। सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में होली जलाई जाती है। शाम को भी पूजन करने के साथ ही गेहूं की बालियां भूनकर प्रसाद ग्रहण करें।