जिसके चलते ग्राहक को सही मात्रा में तेल नहीं मिलता। हालांकि प्रशासन द्वारा लगातार पेट्रोल पंपों के खिलाफ अभियान चलाया जाता है और गड़बड़ी करने वाले पंपों पर कार्रवाई की जाती है। लेकिन वाहन में तेल भरवाने से पहले लोगों को भी कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ताकि इस तरह की गड़बड़ी न हो सके। नोएडा के कार एक्सपर्ट इकबाल खान का कहना है कि पेट्रोल पंप यूं तो अक्सर घटतौली का खेल खेलते हैं। लेकिन अगर लोग सतर्कता दिखाएं तो इससे बचा जा सकता है।
1. कई बार पेट्रोल या डीजल डलवाने के बाद कार का माइलेज शंका पैदा करता है। अगर आपको भी ऐसा महसूस होता है और पेट्रोल पंप द्वारा डाले गए तेल की क्वालिटी पर शक होता है तो आपको पेट्रोल का फिल्टर पेपर टेस्ट करना चाहिए। कंज्यूमर प्रोटेक्शन ऐक्ट 1986 के अनुसार प्रत्येक पेट्रोल पंप के पास फिल्टर पेपर होना चाहिए। वहीं जब ग्राहक इसे मांगे तो उसे उपलब्ध कराना चाहिए। आप इस पेपर पर तेल की कुछ बूंद डालकर देखें कि क्या यह बिना दाग छोड़ उड़ जाता है। अगर ऐसा नहीं होता है तो तेल में मिलावट है।
2. अक्सर लोगों की शिकायत रहती है कि पेट्रोल पंप पर तेल कम डाला गया। वहीं कई बार पेट्रोल पंप कर्मी स्टार्ट-स्टॉप के चक्कर में भी लोगों को फंसा गड़बड़ी कर देते हैं। इसके लिए सावधानी बरतने की जरूरत होती है। मान लीजिए कि किसी पेट्रोल पंप पर आपने 1500 रुपये का पेट्रोल डालने को कहा। इस दौरान कर्मचारी ने 500 रुपये का पेट्रोल भरा और नॉजल रोक दी। वहीं जब आपने दोबारा 1000 रुपये का पेट्रोल भरने को कहा तो उसने मीटर बिना रीसेट किए ही 1000 रुपये का तेल भर दिया। ऐसे में आपको सीधे-सीधे 500 रुपये का नुकसान हो गया। इसलिए हमेशा पेट्रोल पंप पर जीरो मशीन पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है।
3. पेट्रोल पंपों की शिकायते आती रहती हैं कि उन्होंने नॉजल से छेड़छाड़ कर 100 से 150 ml तक तेल में हेर फेर की है। अगर आपको किसी पंप पर इस तरह का शक होता है तो आप पांच लीटर टेस्ट करा सकते हैं। इसके लिए हर पेट्रोल पंप पर एक प्रमाणित बर्तन होता है। इसमें आप पांच लीटर तेल भरकर नाप की जांच कर सकते हैं।