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बायर्स को राहत देने के लिए प्रोजेक्ट सेटलमेंट पॉलिसी को हरी झंडी, किसानों को मिलेगा बैकलीज का लाभ

locationनोएडाPublished: Feb 02, 2018 09:12:08 am

Submitted by:

lokesh verma

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 111वीं बोर्ड बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण फैसले

noida
नोएडा. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 111वीं बोर्ड बैठक में बायर्स और बिल्डर की परेशानी को दूर करने, किसानों की बैकलीज का रास्ता साफ करने और उद्योगों को बढ़ावा देने किए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बोर्ड बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए प्राधिकरण सीईओ देबाशीष पंडा ने बताया कि पुरानी प्रोजेक्ट सेटलमेंट पॉलिसी को भी हरी झंडी दे दी गई है। जिन किसानों के मामले पूर्व की बोर्ड बैठक में पास हो गए थे, उनकी बैकलीज को हरी झंडी दे दी गई है। प्राधिकरण ने औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों को भी राहत दी है। फैक्ट्री भवन का निर्माण पूरा कर इकाई क्रियाशील करने के लिए बोर्ड ने विलंब शुल्क के साथ 30 सितंबर 2018 तक का समय दे दिया है।
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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के भवन मे आयोजित बोर्ड बैठक के बाद प्राधिकरण सीईओ देबाशीष पंडा के चेहरे पर राहत झलक रही थी। उन्होंने बायर्स को जल्द फ्लैट दिलाने के उद्देश्य से बिल्डरों को बड़ी राहत देने की घोषणा की है। डिफाल्टर बिल्डरों को भी एक और मौका देते हुए उनके लिए फिर से रीशेड्यूलमेंट पॉलिसी लागू कर दी गई है। पुरानी प्रोजेक्ट सेटलमेंट पॉलिसी (पीएसपी) को भी हरी झंडी दे दी गई है। बता दें कि बिल्डरों को संकट से उबारने के लिए तीन वर्ष पहले रीशेड्यूमेंट पॉलिसी बनाई गई थी। इसके तहत जिन बिल्डरों पर 500 करोड़ से अधिक बकाया था, उन्हें दस फीसद व पांच सौ करोड़ से नीचे के बिल्डरों को 15 फीसद बकाया भुगतान कराने के बाद कंप्लीशन देने का प्रावधान किया गया था। इस पॉलिसी की अंतिम तिथि समाप्त हो चुकी थी। जिन बिल्डरों ने धनराशि की व्यवस्था कर ली है, वे अब बकाया राशि जमाकर डिफाल्टर सूची से बाहर आना चाहते हैं। डिफाल्टर घोषित होने की वजह से उन्हें फ्लैटों का कंप्लीशन नहीं मिल रहा था। निवेशकों को फ्लैट मिल सके, इस वजह से रीशेड्यूलमेंट पॉलिसी को फिर से लागू किया गया है।
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प्राधिकरण ने औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों को भी राहत दी है। जिन उद्यमियों ने 2011 से पूर्व औद्योगिक भूखंड आवंटित कराए थे और 30 नवंबर 2016 तक भूखंडों की रजिस्ट्री करा ली है। ऐसे आवंटियों को फैक्ट्री भवन का निर्माण पूरा कर इकाई क्रियाशील करने के लिए बोर्ड ने विलंब शुल्क के साथ 30 सितंबर 2018 तक का समय दे दिया है।
प्राधिकरण बोर्ड ने किसानों को भी राहत दी है, जिन किसानों के मामले पूर्व की बोर्ड बैठक में पास हो गए थे। उनकी बैकलीज को हरी झंडी दे दी गई है। प्राधिकरण अब जांच के नाम पर किसी भी किसान को परेशान नहीं करेगा। पूर्व में बोर्ड से स्वीकृत मामलों की बैकलीज कर दी जाएगी। इससे करीब तीन हजार किसान लाभांवित होंगे।
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प्राधिकरण बोर्ड ने सीएजी से 2005 से ऑडिट कराने का प्रस्ताव पास किया है। सीएजी से आग्रह किया गया है कि वह प्राधिकरण का पिछले तेरह वर्ष के कार्यों का ऑडिट करे। इसके अलावा प्राधिकरण ने 25 बिल्डरों के प्रोजेक्टों की समीक्षा की थी। इनको राहत देने के लिए बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखकर रास्ता निकाला गया है। इससे करीब 65 हजार निवेशकों को फ्लैट मिलने का रास्ता साफ होगा। बिल्डर प्राधिकरण बोर्ड बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार धनराशि जमा कर फ्लैटों का कंप्लीशन लेने के लिए आवेदन कर सकेंगे।
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