नोएडा के सेक्टर-27 में आयोजित प्रेसवार्ता में बायर्स ने कहा कि एनबीसीसी इंडिया को जेपी के अधूरे पड़े प्रोजेक्ट का काम देना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। बिड में शामिल एजेंसी चुनने के लिए वोटिंग करने तक में रोड़ा अटकाया गया, ताकि जेपी के फंसे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए बिड में शामिल होने वाली सही कंपनी को न चुन सके। आरआईपी इसमें अवरोध पैदा कर जेपी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को दिवालिया हो जाना देना चाहते हैं, ताकि हमें घर न मिल सके।
बायर्स ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि 2008 में उन्होंने अपना फ्लैट बुक कराया था और 3 वर्ष का समय बिल्डर द्वारा पजेशन के लिए माँगा गया था। तीन वर्ष बीत जाने के बाद बायर्स ने फ्लैट का 90 फीसदी पैसा जमा करा दिया था। 11 वर्ष बीत जाने के बाद भी 20 हजार बायर्स खाली हाथ बैठे हैं। न तो उन्हें फ्लैट मिला और न ही उनके द्वारा जमा किए गए पैसे मिले। ज़िंदगी भर की कमाई फ्लैट लेने में लगा दी। अब हम लोग इस आस में बैठे हैं कि जल्द से जल्द उन्हें उनका फ्लैट दिला दिया जाए।