सियाचिन में हिमस्लखन में छह दिन तक दबे रहने के बाद जीवित निकाले गए लांस नायक हनुमंथप्पा कोपड का गुरुवार को सेना के आर आर अस्पताल में निधन हो गया। डाक्टरों की एक टीम ने पिछले तीन दिन में उन्हें बचाने की भरसक कोशिश कर रही थी लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था। हनुमंथप्पा ने लगभग पौने 12 बजे अंतिम सांस ली।
हिमवीर हनुमंथप्पा गत तीन फरवरी को हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद से अपने नौ अन्य साथियों के साथ करीब 35 फुट बर्फ में दब गए थे। उन्हें आठ फरवरी को बर्फ से निकाला गया था, उस समय उनकी हाल काफी खराब थी। उनके बाकी नौ साथियों के शव मिले थे। उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद नौ फरवरी को दिल्ली के आर आर अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
लांस नायक हनुमंथप्पा की हालत लगातार नाजुक बनी हुई थी और वह कोमा में थे। बुधवार को उनके मस्तिष्क में आक्सीजन की कमी के लक्षण दिखाई दिये थे। डाक्टरों का दल लगातार उन्हें बचाने की कोशिश में लगा था और उनके स्वास्थ्य के लिए देशभर में प्रार्थनाएं की जा रही थी। उनके उपचार में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सकों की भी सलाह ली गयी थी। डाक्टरों ने गुरुवार को बताया था कि उनके दोनों फेफडों में निमोनिया हो गया है। इसके अलावा उनके शरीर के कई अंग काम नहीं कर रहे थे।