महेश शर्मा ने बताया कि जेवर भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। दिल्ली का हवाई अड्डा 24 सौ हेक्टेयर में है जबकि मुंबई का हवाई अड्डा 14 सौ हेक्टेयर में है। शर्मा ने कहा कि जेवर क्षेत्र यमुना नदी के किनारे बसे होने की वजह से हमेशा पिछड़ा क्षेत्र रहा है। यहां हवाई अड्डा बनने से क्षेत्र का चौमुखी विकास होगा। उन्होंने बताया कि पतंजलि समूह ने जेवर हवाई अड्डा के पास अपना उद्योग स्थापित करने का निर्णय लिया है जिससे विदेशों में आयुर्वेदिक दवाइयों का निर्यात आसानी से हो पाएगा।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 40 विदेशी कंपनियों ने जेवर क्षेत्र में ऑफिस व फैक्ट्री खोलने के लिए सरकार से जमीन मांगी है। उनके अनुसार जेवर हवाई अड्डा बनने से एक लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।
आपको बता दें कि छह गांवों -बजौता रजावाहा, रजवाहा, दयानतपुर रजवाह, किश्रेपुर अलपिका और पथावाया नाला- को हवाईअड्डे के निर्माण के लिए दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाएगा। सिंचाई विभाग गांवों को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया पूरी करेगा। राज्य सरकार ने 1,239.14 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण के लिए 2,300 रुपये प्रति मीटर के हिसाब से 4,500 करोड़ रुपये की वित्तीय और प्रशासनिक मंजूरी प्रदान की थी।