गजब: इन्होंने तैयार किए हैं राजा-महाराजाओं के आभूषण, कई पीढ़ी से बना रहे शाही परिवार के जेवरात
Highlights
-कंजीमुल्ल खन्ना ने अपना कारोबार 1870 में शुरू किया था। वो खुद भी कला और उम्दा जवाहरातों का शौक रखते थे
-धीरे धीरे उन्होंने अपना कारोबार शुरू किया है। जिनकी कारीगरी की सूचना भारत के कई राजाओं तक पहुंची
-इसके बाद से ही कंजीमुल्ल खन्ना ने शाही परिवारों के साथ काम शुरू किया

नोएडा। भारत में आभूषणों को खासी महत्वता दी जाती है। पूरे विश्व में भारत के हीरे, मोती, रूबी व कई अन्य कीमती पत्थर मशहूर हैं। कई जाने माने हीरो को न ही सिर्फ भारत में पाया गया है, बल्कि तराशा भी गया है। भारत के शाही परिवार हमेशा से ही बेहतरीन आभूषणों के कदरदान रहे हैं। कई राजा-महाराजा अपने आभूषणों के संग्रह के लिए जाने गए हैं। इनके द्वारा ख़ास जौहरियों से आभूषण बनवाए जाते थे। आज हम ऐसे ही एक जौहरी के बारे में बताने जा रहे हैं जो करीब 150 वर्षों से ऐसे ही शाही परिवारों के साथ काम करते आये हैं।

दरअसल, कंजीमुल्ल खन्ना, जो की दिल्ली में रहते थे और उन्होंने अपना यह कारोबार 1870 में शुरू किया। वो खुद भी कला और उम्दा जवाहरातों का शौक रखते थे। धीरे धीरे उन्होंने अपना कारोबार शुरू किया है। जिनकी कारीगरी की सूचना भारत के कई राजाओं तक पहुंची और कंजीमुल्ल खन्ना ने शाही परिवारों के साथ काम शुरू किया। 1933 में, उनके द्वारा पटियाला के शाही खानदान के लिए बनाया गया नवरतन का हार ख़ासा मशहूर है। इसके बाद कंजीमुल्ल एंड संस जेवेलर्स ने राजा जाम साहेब दिग्विजिय सिंह जडेजा के लिए कश्मीर के शाही खंडन से कारन सिंह के लिए और कपूरथला के महाराजा जगतजीत सिंह के लिए भी काम किया।
यही नहीं, अंग्रेज़ो के शासन में भी कंजीमुल्ल एंड संस ने कई ऊँचे अधिकारयों के लिए काम किये। जिसमें लार्ड माउंटबेटन भी शामिल हैं। विक्टर एलेग्जेंडर जॉन होप, जॉन कोलविल्ल और लार्ड नॉर्थकोट कुछ अन्य नाम रहे। इसी के साथ नयी सदी में पैर रखते हुए उन्होंने देश विदेश के राजनेताओं, जैसे प्रधान मंत्री श्री इंदिरा गाँधी, जैक्विलिन कैनेडी और मार्गरते थैचर के लिए भी काम किया और भारत के शिल्प कौशल को विश्वस्तरीय बनाते हुए आगे ले के गए।
फर्म को आगे बढ़ने में कंजीमुल्ल खन्ना के बेटे पुरषोत्तम दास खन्ना का महत्वपुर्ण सहयोग रहा है। उन्होंने चांदनी चौक के सबसे पहले और अकेले शोरूम से कई अन्य शहरों में जैसे की पुणे, महाबलेश्वर, मसूरी और लंदन में अपने शोरूम खोले। हालाँकि, समय के साथ यह व्यापार भी बदल गया है। आज के समय में शाही खानदान के लोग ही सिर्फ बेहतरीन जवाहरातों के शौक़ीन नहीं रहे। हर तरह के सेलेब्रिटीज़ और बड़े व्यापारी भी इस तरह के आभूषण लेने का मन रखते हैं। गौरव खन्ना, जो की कंजीमुल्ल एढ संस की चौथी पीड़ी है, अब इस व्यापार को आगे बढ़ा रहे हैं। गौरव विश्व स्तर पर कंजीमुल्ल एंड संस जेवेलर्स के आभूषणों की प्रदर्शनी कराते है।
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