दरअसल, जिस समय कॉलेज में परीक्षा चल रही थी उसी समय कठुआ से बच्ची गायब हुई थी और उसका शव 17 जनवरी को मिला था। जिसके चलते जांच टीम आशंका जता रही है कि आरोपित ने किसी और व्यक्ति से अपनी परीक्षा दिलवाई। एसआईटी ने कॉलेज पहुंचकर वहां के सीसीटीवी की डीवीआर को अपने कब्जे में लिया है और पता लगा रही है कि परीक्षा के समय विशाल कॉलेज में था या नहीं।
विशाल को पास होने पर था शक विशाल के एक दोस्त ने बताया कि उसे परीक्षा में खुद पास होने पर संदेह था। वह अक्सर दोस्तों से पूछा करता था कि किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में बताएं जो उसे पास करा सके। इसके बाद से अब यही माना जा रहा है कि विशाल की जगह किसी और ने परीक्षा दी है।
घर नहीं जाने का बताया ये कारण 11 मार्च को अन्य दोस्तों के साथ बबरे वाली माता के
मंदिर पर लगने वाले मेले में घूमने गए विशाल ने अपने दोस्तों को बताया था कि गांव में उसके परिजनों की एक प्लॉट पर कब्जे को लेकर रंजिश चल रही है। जिसके चलते उसके परिजनों ने गांव आने के लिए मना किया हुआ है।
पत्रिका टीवी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश बुलेटिन देखने के लिए क्लिक करें ऑनलाइन लिया था एडमिशन कॉलेज के प्राचार्य अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार का आदेश दिखाकर एसआईटी ने कॉलेज की सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर अपने साथ ले गए हैं। वहीं, आकांक्षा डिग्री कॉलेज के प्राचार्य मंजीत सिंह ने बताया कि विशाल जंगोत्रा ने उनके कॉलेज में ऑनलाइन एडमिशन लिया था। एसआईटी की टीम कॉलेज से उसका पूरा रिकार्ड लेकर गई है।
ऐसे हुआ था गिरफ्तार कुछ दिन पहले ही विशाल ने मीरापुर के दोस्तों के साथ बबरे वाली माता के मेले में खींचे गए फोटो को फेसबुक पर अपलोड किया था। इसी फोटो के आधार पर जम्मू पुलिस ने मुजफ्फरनगर के मीरापुर में अपना डेरा डाला था। इसके बाद दोस्तों से किराए के कमरे का पता लेकर पुलिस ने विशाल को दबोचा था।